बेहद शर्मनाक: कक्षा 4 की छात्रा से सात लोगों ने की दरिंदगी: सामूहिक दुष्कर्म, 14 घंटे कमरे में बंद रखा, अचेतावस्था में सड़क पर फेंक भागे…

Kolkata gang rape
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Kolkata gang rape

कार्रवाई के बजाय थाने से टरकाते रहे, अफसरों की सक्रियता पर सात के खिलाफ मुकदमा

प्रयागराज। यमुनापार के औद्योगिक क्षेत्र से दर्दनाक और अमानवीय घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया। सात वहशी दरिंदों ने कक्षा चार में पढ़ने वाली 13 वर्षीय छात्रा को कमरे में बंद करके सामूहिक दुष्कर्म किया। उससे भी ज्यादा शर्मनाक ये रहा कि तीन मई को शिकायत मिलने के बावजूद नैनी थाने की पुलिस कार्रवाई करने के बजाय भुक्तभोगी लड़की और उसके परिजनों को टहलाती रही।

जानकारी मिलने के बाद अफसरों ने मामले को गंभीरता से लिया तब सात लोगों के खिलाफ नैनी थाने में एफआईआर दर्ज हुई।

दो मई को सुबह करीब नौ बजे यमुनानगर के आद्योगिक क्षेत्र में रहने वाली कक्षा चार की छात्रा घर से जाने के लिए बाहर निकली। बताया जा रहा है कि रास्ते में उसकी सहेली मिली और उसे अपने घर ले गई। बताया जा रहा है कि कमरे में पहले से मौजूद सात लोगों ने छात्रा के साथ बारी बारी से दुष्कर्म किया।

भुक्तभोगी लड़की का कहना है कि 14 घंटे तक उसे कमरे में बंद रखा गया। रात में अचेतावस्था में सड़क किनारे फेंककर आरोपित भाग निकले। किसी तरह वह घर पहुंची और परिजनों को घटना की जानकारी दी तो लोग सन्न रह गए। परिजन तीन मई को थाने पहुंचे और घटना की जानकारी दी।

आरोप है कि रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय पुलिस पीड़िता व उसके घरवालो को तीन दिन तक टहलाती रही। कार्रवाई न होते देख भुक्तभोगी परिवार परेशान हो गया।

मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में पहुंचा तो पुलिस सक्रिय हुई। भुक्तभोगी किशोरी की मां की तहरीर पर दो नाबालिग समेत सात लोगों के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पीड़िता की सहेली के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस दो आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में गोंती गांव निवासी अतीक यादव, राम यादव, राम लखन, शत्रुघ्न समेत तीन अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

इनका कहना है -

“पीड़िता की मां की तहरीर पर गैंगरेप का मुकदमा लिखा गया है। भुक्तभोगी लड़की का बयान भी दर्ज कर लिया गया है। दो तीन लोगों को हिरासत मे लेकर पूछताछ की जा रही है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। आरोपित बख्शे नहीं जाएंगे।” - वरुण कुमार सिंह, एसीपी करछना

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