Home > राज्य > उत्तरप्रदेश > अन्य > यूपी में अंतिम संस्कार पर शुल्क नहीं, धार्मिक मान्यताओं का होगा पालन

यूपी में अंतिम संस्कार पर शुल्क नहीं, धार्मिक मान्यताओं का होगा पालन

योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि सभी नगरीय अथवा ग्रामीण अंत्येष्टि स्थलों पर कोविड मरीजों का अंतिम संस्कार उनकी धार्मिक मान्यता के अनुसार कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कराया जाए। इसके लिए मृतक के परिजनों से किसी प्रकार का शुल्क न लिया जाए।

यूपी में अंतिम संस्कार पर शुल्क नहीं, धार्मिक मान्यताओं का होगा पालन
X

लखनऊ: कोविड संक्रमित मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए उत्तर प्रदेश में अब कोई शुल्क नहीं देना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि सभी नगरीय अथवा ग्रामीण अंत्येष्टि स्थलों पर कोविड मरीजों का अंतिम संस्कार उनकी धार्मिक मान्यता के अनुसार कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कराया जाए। इसके लिए मृतक के परिजनों से किसी प्रकार का शुल्क न लिया जाए।

विभिन्न जिलों में श्मशान घाट पर अवैध वसूली की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि शव की अंत्येष्टि के लिए अवैध वसूली अमानवीय है। ऐसी घटनाएं हुईं तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।

कोविड प्रबंधन के लिए राज्य स्तर पर गठित टीम-11 के साथ बैठक में रविवार को सीएम योगी ने प्रदेश की स्थिति की गहन समीक्षा की। सीएम ने कहा कि कोविड से होने वाली हर एक मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है। यह राज्य की क्षति है। मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए सीएम योगी ने निर्देश दिए कि मृतक के शरीर को अंत्येष्टि स्थल तक लाने के लिए प्रशासन वाहन उपलब्ध कराए। इसके लिए सभी जिलों में वाहन का प्रबंधन होना चाहिए।

केंद्र ने बढ़ाया यूपी का रेमेडेसीवीर कोटा :

कोरोना मरीजों के इलाज में उपयोगी मानी जा रही दवाओं, ऑक्सीजन तथा अन्य आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की निर्बाध सप्लाई को सुनिश्चित करने तथा उनके प्रभावी प्रबंधन के लिए केन्द्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इस क्रम में जीवनरक्षक मानी जा रही रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की आपूर्ति भी बढ़ाई जा रही है। केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल तक के लिए यूपी को रेमेडेसीवीर के 1,61,000 वॉयल का आवंटन किया है। इससे पहले इस अवधि तक के लिए यूपी को करीब 1,22,000 वॉयल का आवंटन किया गया था।

सीएम योगी ने आवंटन बढ़ाने पर संतोष जताते हुए कहा कि रेमेडेसीवीर जैसी जीवनरक्षक दवा की आपूर्ति प्रदेश में सुचारु है। हर दिन लगभग 18,000-20,000 वॉयल प्रदेश को प्राप्त हो रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न दवा निर्माता कम्पनियों से सीधे संवाद स्थापित करते हुए इस जीवनरक्षक मानी जा रही दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। इसके साथ ही, सीएम योगी ने कहा है कि सरकार के किसी भी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की कमी नहीं है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को यह निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।

उन्होंने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी निजी अस्पताल में रेमेडेसीवीर की आवश्यकता है तो उसे भारत सरकार द्वारा अनुमन्य दरों पर मुहैया कराई जाएगी। रेमेडेसीवीर की मांग-आपूर्ति-वितरण व्यवस्था की समीक्षा की जाए। इस दवा के वितरण व्यवस्था को पारदर्शी ढंग से हो।

तीन जिलों को मिलेगी कैडिला की विराफीन :

कोविड मरीजों के लिए कामयाब मानी जा रही जायडस कैडिला कम्पनी की नई दवा 'विराफीन' प्रदेश के तीन जिलों में जल्द ही मुहैया हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच हमारे चिकित्सा वैज्ञानिक दवाओं के नवीन विकल्पों की खोज में भी लगे हुए हैं। हाल ही में जायडस कैडिला कम्पनी की एक नई दवा को भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने कोविड मरीजों के उपयोगार्थ स्वीकृति दी है। इसे लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी जिलों के लिए उपलब्ध कराया जाए। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में इन तीनों जिलों के एक-एक कोविड अस्पताल में यह नई दवा उपलब्ध होगी।

Updated : 25 April 2021 4:35 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Lucknow

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top