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सांसद डॉ राम शंकर कठेरिया औरैया दौरे पर, कोरोना मरीजों को इत्मीनान, विपक्ष परेशान
जनपद में 10 जिला पंचायत सदस्यों समेत 3 सपा माइंडेड सदस्यों के जीत जाने से बहुमत प्राप्त कर निश्चिंत नजर आ रही समाजवादी पार्टी के रणनीतिकार इस बैठक के बाद निश्चित तौर पर आगे की रणनीति बहुत सोच-समझकर बनाएंगे।
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औरैया: कोरोना काल में सांसद का जनपद आगमन बहुत ही आम बात है। आम से यह खास बात तब हो गई जब कोरोना मरीजों को चिकित्सीय उपकरण बांटने से पहले सांसद जीते हुए जिला पंचायत सदस्य और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष समेत कई ब्लॉक पंचायत सदस्यों के साथ रणनीतिक चर्चा करते नजर आए।
जनपद में 10 जिला पंचायत सदस्यों समेत 3 सपा माइंडेड सदस्यों के जीत जाने से बहुमत प्राप्त कर निश्चिंत नजर आ रही समाजवादी पार्टी के रणनीतिकार इस बैठक के बाद निश्चित तौर पर आगे की रणनीति बहुत सोच-समझकर बनाएंगे।
गौरतलब है कि सांसद डॉ राम शंकर कठेरिया के संसदीय क्षेत्र से दो जिला पंचायत अध्यक्ष चुनकर आते हैं। जिसमें से इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव एक तरफा माना जा रहा है। जिसके चलते औरैया जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट सांसद के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। लेकिन अंकगणित भाजपा नेता के बिलकुल खिलाफ है।
23 सदस्यों वाली जिला पंचायत औरैया में बहुमत के लिए 12 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है। जिसमें से 10 सदस्य समाजवादी पार्टी के जीत कर निकले हैं । वही तीन से चार सदस्य ऐसे माने जा रहे हैं जो कहीं ना कहीं समाजवादी पार्टी मानसिकता के हैं।
साधारण तौर पर देखा जाए 10 और चार सदस्य मिलकर बहुमत के आंकड़े के पार पहुंचते दिखाई पड़ रहे हैं। लेकिन जिले के प्रथम नागरिक चुनने में हमेशा अंकगणित सफल नहीं रहा है इसका इतिहास गवाह है। इसी संभावना के मद्देनजर भाजपा समर्थक, पांच जिला पंचायत सदस्यों के साथ अध्यक्ष पद की कुर्सी भगवा खेमे में देखना चाह रहे हैं।
यही वजह है कि अविश्वास के बाद जिले के प्रथम नागरिक का दर्जा प्राप्त करने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और युवाओं में लोकप्रिय सबसे कम उम्र में जिला पंचायत सदस्य के साथ सांसद की बैठक विपक्ष में खलबली मचाने के लिए पर्याप्त है।
एक तरफा मानकर चल रहे अध्यक्ष पद की चुनावी रणनीति विपक्षी खेमा अब पिछले कार्य काल में अविश्वास प्रस्ताव के बाद की स्थितियों को देखकर बनाएगा यह निश्चित है। सांसद का सोमवार का जनपद आगमन निश्चिंत नजर आ रहे विपक्ष के लिए चिंता का विषय ना बने इसको ध्यान में रखते हुए विपक्षी रणनीत कार रणनीति बनाने में जुट गए हैं।