मदर्स डे: ऑनलाइन देश के नामचीन कवियों ने लिया वृद्धाश्रम की माताओं से आशीर्वाद
ज़ूम एप पर जुड़े अखिल भारतीय रचनाकारों ने उन्हें कविताओं के जरिये प्रणाम किया।
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औरैया : कोरोना की बाध्यताओं के चलते लोग वृद्धाश्रम में रह रही माताओं को बधाई देने नहीं जा पाए तो ऑनलाइन आयोजन के जरिये उन्हें नमन किया गया। ज़ूम एप पर जुड़े अखिल भारतीय रचनाकारों ने उन्हें कविताओं के जरिये प्रणाम किया।
माधव हैप्पी ओल्ड एज होम आनेपुर औरेया में मदर्स डे पर सभी माताओं के साथ जूम एप के माध्यम से ऑक्सफोर्ड शिक्षा प्रसार संस्था सचिव श्री राजवर्धन शुक्ला जी के नेतृत्व में मदर्स डे का प्रोग्राम कर माताओं केक काटकर बधाई दी गयी। तू कितनी भोली है तू कितनी प्यारी है ओ मां ओ मां गीत के साथ उन्हें नमन किया गया।
संचालक राष्ट्रीय कवि अजय शुक्ला अंजाम ने कहा, दुआ में बैठ जाती है जो मां पूजा के कमरे में, तो फिर दहलीज को छूकर सुनामी लौट जाती है। इस पंक्ति को सुनकर सभी माताओं ने उनको आशीर्वाद ऐप के माध्यम से दिया।
नोएडा से पल्लवी कृपाल त्रिपाठी ने मातृशक्ति बुद्धि भक्ति धैर्य इनमें मेल है,प्रेम में सर्वस्व देना वाम हस्ती खेल है,झारखंड से स्वधा उत्कर्षिता ने देखो सब कुछ साफ किया है, करने को मनुहार तुम्हारा,हमें नहीं मालूम था अम्मा तुम ही थी त्योहार हमारा कविता पढ़ी। आगरा से कवयित्री रुचि चतुर्वेदी ने मां पर आधारित कविताएं सुनाई। उन्होंने वो ही गंगा है तुलसी का बिरवा वही वो धरा है वही सत्य आकाश है। नैन का दर्श वो प्रीत स्पर्श वो वो ही ईश्वर अटल सत्य विश्वास है। प्राण के अंक में शिशु को धारण किये इक दहाई के जैसी है मैया सुनो। सुख का अम्बर वही नेह सागर वही दुर्गा माई के जैसी है मैया सुनो कविता से समा बांधा।
गेल के राजभाषा अधिकारी अलोकेश्वर चवडाल ने माँ को समर्पित कविता पढ़ी। प्यासे को पनघट है माँ,पीपल छाया वट है माँ। नीर पीर सब छूमन्तर,गंगा जी का तट है माँ । वृद्धाश्रम की माताएं कार्यक्रम से खुश नजर आई।
Swadesh Lucknow
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