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खनिज अधिकारी की टीम ने खदान में ओवरलोड ट्रक पकड़े

अछरौड़ खंड-1 की दबंगई जिलाधिकारी से शिकायत कर कहा बस्ती के अंदर से ट्रकों का आवागमन बंद कराया जाए

खनिज अधिकारी की टीम ने खदान में ओवरलोड ट्रक पकड़े
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बांदा। जिले में चलने वाली नदियों की खदानों में बालू के कारोबार चलाने के लिए खनिज गाइड लाइनों का पालन न किए जाने का आरोप लगाया जा रहा है। आए दिन लोगबाग कभी प्रशासनिक अधिकारियों के यहां दस्तक देते हैं तो कभी अपने क्षेत्र में हो रहे बालू कारोबारियों की कार्यशैली पर रोक लगाने के लिए पट्टाधारकों से आरजू-मिन्नत करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। शहर से थोड़ी दूर चलकर बहने वाली केन की अछरौड़ खदान खंड-1 की शिकायत अछरौड़ के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को संबोधित पत्र में देते हुए कहा है कि खदान की ओवरलोड गाड़ियां बस्ती के अंदर से आती जाती हैं। जिससे दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। बीते दिनों एक यादव परिवार के युवक की जान ट्रक की लापरवाही से बाल-बाल बच गई।

विद्यालय में पढ़ने जाने वाले छात्र भी परेशान हैं। ओवरलोड ट्रकों के कारण उड़ने वाली धूल से मिड डे मील का भोजन भी प्रदूषित होता है। यहां पर बस्ती के अंदर से ओवरलोड भरे ट्रक निकलने की आवाजाही को जल्द ही बंद कराने की मांग की गई है। खदानों के उपर से ओवरलोड ट्रक भरने के मामले लगातार इजाफे पर हैं। मरौली खंड संख्या-3 में खनिज अधिकारी ने एक दर्जन के आसपास ओवरलोड ट्रक खदानों से पकड़े। एक मशीन भी खनन क्षेत्र से बाहर पकड़ी गई। खनिज अधिकारी द्वारा कार्यवाही करनेक े लिए कहा गया है लेकिन ऐसा कोई कदम नहीं उठता जिससे ओवरलोड का यह बढ़ता रोग रुक सके। आए दिन लगने वाले आरोप खदानों से ओवरलोड भरकर फर्राटा मारते ही सड़कों पर चलते वाहन नियमों की जहां धज्जियां उड़ा रहे हैं।

वहीं मरौली खदान खंड-3 से ओवरलोड बालू भरे ट्रकों को खदान में ही एक छापेमारी के दौरान खनिज अधिकारी की टीम ने जहां पकड़कर यह साबित कर दिया कि खदानों से ही ओवरलोडिंग का काला खेल खेलना खदान संचालकों द्वारा कमाई के लिए धड़ल्ले से किया जा रहा है और नियमोंकी धज्जियां उड़ाकर सरकारी कायदे कानून को चिढ़ाया जाता है। वहीं ओवरलोडिंग के मामले में फिलहाल कार्यवाही का अमलीजामा पहनाने के पहले चरण में खनिज अधिकारी ने पकड़े गए ओवरलोड बालू लदे एक दर्जन ट्रकों पर जुर्माना बोलने सहित खनन पट्टा क्षेत्र से बाहर खड़ी पोकलैंड मशीन को सीज करने की जानकारी देते हुए एक वार्ता में कहा है कि जल्द ही खदान संचालक के उपर ओवरलोडिंग को लेकर जुर्माना और अन्य कार्यवाहियों का अमलीजामा पहनाया जाएगा।

जिले में केन-बागेन और यमुना नदी पर बालू की खदानों से बालू निकालने का कारोबार चलाने के लिए खदानें संचालित है। खदान संचालकों द्वारा खनिज गाइड लाइन के विपरीत काम करने के आरोप प्रत्यारोप आए दिन सुर्खियों में रहते हैं। कई बार ओवरलोड भरे ट्रक खनिज महकमे सहित परिवहन विभाग द्वारा पकड़कर अलग-अलग तरीके की कार्यवाही करके वाहवाही लूटी जाती है। पुलिस भी इन ओवरलोड भरे ट्रकों से अपनी जेबें गरम करती है। लेकिन संयोग कहें कि खदानों पर से ही लादे जाने वाले ओवरलोड के काले खेल को शुक्रवार को खनिज अधिकारी की टीम ने मरौली खंड-3 में रंगे हाथों में पकड़ लिया।

खनिज टीम की पकड़धकड़ से मुक्ति पाने के लिए खंड संख्या-3 के खदान संचालक सहित उनके सहयोगियों ने काफी प्रयास किया लेकिन पता नहीं क्यों मामला सुलट न सका और खनिज अधिकारी ने खदान से ही भरे गए एक दर्जन ओवरलोड ट्रकों पर जुर्माना की कार्यवाही कर दी। खनन क्षेत्र से बाहर खड़ी एक पोकलैंड मशीन को भी कार्यवाही के घेरे में ला दिया। मामले को लेकर जब खनिज अधिकारी से फोन पर बातचीत की गई तो उनकी टोन से मालूम हुआ कि पकड़े गए अनियमित ट्रकों को सीज कर जुर्माना करने की कार्यवाही की जा रही है। जब उनसे यह सवाल किया गया कि खदान में हाइप्रोफाइल सीसीटीवी कैमरे और धर्मकांटा लगवाकर ओवरलोड रोकने के लिए सरकारी स्तर पर व्यवस्था की गई है और उसकी मानीटरिंग जिला स्तर से लेकर प्रदेश की राजधानी तक की जाती है तो यह ओवरलोड का खेल आखिर खदानों से करने का साहस खदान संचालकों द्वारा कैसे किया जाता है।

अभी मरौली खंड संख्या में ट्रकों और पोकलैंड मशीन पर कार्यवाही किए जाने के बाद खदान संचालक पर क्या कार्यवाही की गई तो खनिज अधिकारी ने कहा कि प्रति ट्रक 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है खदान संचालक पर जल्द ही कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। फिलहाल खबर लिखे जाने तक अभी कोई ऐसी कार्यवाही अमल में लाए जाने की कोई खबर नहीं है जिससे खदान संचालक की खदान सीज की गई हो या फिर अन्य कोई ऐसी कार्यवाही की गई हो जिस पर खदान द्वारा दोबारा ओवरलोड भरने के काले खेल में साहस न किया जा सके। ओवरलोडिंग और बालू खदानों द्वारा गाइड लाइन के विपरीत कई बिंदुओं पर जो खदान संचालक कारगुजारियां अपनाकर अपनी जेबें भरने के लिए कदमताल कर रहे हैं उनमें जिले की अन्य खदानें भी अनियमितताओं के रंग से रंगी हैं।

शहर मुख्यालय से लगभग 20 किमी. दूर केन की अमलोर खदान संख्या-7 को यदि कोई निष्पक्ष और खुली आंख से देखे तो खदान से निकाले जाने वाली बालू के ढेर और उनके बगल के गड्ढ़े तथा पानी साफ कुछ आपबीती कहता है। यहां की खदान से आए दिन ओवरलोड ट्रक खदान के उपर से भरे जाने की जुबानी चर्चाएं हैं। शहर मुख्यालय से दस किमी. दूर स्थित केन की ही खदान अछरौड़-1 में भी नियम विपरीत कार्यों में ओवरलोड खदान से भरने का कारोबार जारी रहता है। मामलों की ग्रामीण और अन्य शिकायत भी करते हैं लेकिन खदानों द्वारा की जाने वाली मनमानी और काली कहानी की शिकायतों पर जांच कर दोषीजनों के साथ की जाने वाली कार्यवाहियां प्रकाश में कम आती है।

Updated : 21 Dec 2021 8:09 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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