कुंवर मसूद खान का दावा - हम हैं श्रीराम के असली वंशज, कोर्ट में पक्ष रखने की मांग
कमिश्नर से मुलाकात कर सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से पक्ष रखने की मांगी अनुमति : कुंवर मसूद खान
सुल्तानपुर/वेब डेस्क। सुल्तानपुर जिले की पूर्व रियासत हसनपुर के मौजूदा राजा कुंवर मसूद अली खान के खुद को भगवान श्रीराम का असली वंशज बताया है। विशेष वार्ता में उन्होंने दावा किया कि मैंने अयोध्या के कमिश्नर से भी मुलाकात की है। ब्रिटिश हुक़ूमत के ( कोर्ट ऑफ वार्ड्स) कागजातों का हवाला दिया और मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट में मुझे भी सरकार की ओर से अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए।
सुल्तानपुर शहर से सात किमी के फासले पर दूबेपुर ब्लॉक अंतर्गत हसनपुर इस्टेट की गिनती मुगलकालीन अवध प्रांत की बड़ी रियासतों में होती रही है। डिस्ट्रिक्ट गजेटियर के मुताबिक, यहां के हिन्दू क्षत्रिय वत्सगोत्रीय राजा त्रिलोकचंद ने 15वीं सदी में बाबर के खिलाफ पानीपत की जंग में हिस्सा लिया था, जिसमें परास्त हो जाने पर उन्हें बाबर ने जेल में डाल दिया और जबरन धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अंगीकार करने को विवश कर दिया। इसी के बाद वे त्रिलोकचंद से तातार खां हो गए और रियासत के नाम भी नरवलगढ़ से बदलकर हसनपुर कर दिया गया। इसके बावजूद रियासत के उत्तराधिकारियों में हिन्दू धर्म व संस्कृति के प्रति लगाव कायम रहा। अंग्रेजों के खिलाफ भी इस रियासत ने जंग लड़ी।
मौजूदा राजा 55 वर्षीय कुंवर मसूद अली ने एक बार फिर अपने रुख से सियासी हल्के में हलचल मचा दी है। अयोध्या कमिश्नर से मिलकर लौटे कुंवर ने बताया कि जमींदारी काल के अभिलेख गवाह हैं। नरवलगढ़ (हसनपुर) साम्राज्य अवध से लेकर बिहार के गया तक फैला हुआ था। जिस जगह श्रीराम जन्म भूमि है वह स्थल हमारे कुल-वंश की रियासत का ही अंग रहा है। पूर्वजों ने मजहब बदला पर रक्त, वंश और संस्कृति-परंपरा नहीं बदली। इसका हमें नाज है। सुप्रीम कोर्ट में हसनपुर रियासत भी अपनी दलीलें पेश करेगा।
दियरा रियासत भी ठोंक चुकी है दावा
हसनपुर पहली रियासत नहीं है, जो अयोध्या प्रकरण को लेकर चर्चा में आई है। इसके पहले भी सन 2003 में सुल्तानपुर जिले की दियरा रियासत ने भी विवादित स्थल के भूखंडों पर दावा करते हुए फैजाबाद की स्थानीय अदालत में मुकदमा दायर किया था। उसी दौरान पेटिशनर कुंवर शिवेंद्र प्रताप शाही की मृत्यु हो जाने से केस ठंडे बस्ते में चला गया।
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