जौनपुर: जिला अस्पताल कोरोना पीड़ितों को उपचार देने में नाकाफी, जो कर रहा मदद उसपर हो रहा FIR

जौनपुर: जिला अस्पताल में उपलब्ध सुविधाएं कोरोना से पीड़ित मरीजों को उपचार देने में नाकाफी साबित हो रही हैं। ऊपर से सहयोग करने की भावना से काम करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।
अस्पताल के बाहर कराह रहे मरीजों को ऑक्सीजन देने वाले तीन मददगारों पर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल शर्मा ने महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज करवा दिया है। युवकों ने 14 लोगों तक 8 ऑक्सीजन सेंलेंडर पहुंचाकर मदद की थी।
जौनपुर जिला अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध न होने पर परिसर में छटपटाते मरीजों को ऑक्सीजन देने वाले युवक समेत तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज हो गया है। सीएमएस की तहरीर पर पुलिस तीनों के खिलाफ महामारी फैलाने का केस दर्ज कर उनकी तलाश में जुट गई है।
जिला अस्पताल में बृहस्पतिवार को उपचार के लिए दूरदराज से पहुंचे मरीजों को बेड के अभाव में भर्ती नहीं किया गया तो वह परिसर में ही फर्श पर छटपटाते लगे। यह स्थिति देखकर प्राइवेट एंबुलेंस चलवाने वाले युवक विक्की अग्रहरि ने आननफानन अपनी एंबुलेंस में मौजूद तीन सिलिंडरों को निकालकर मरीजों को ऑक्सीजन देना शुरू कर दिया। बाद में उसने एक अन्य एंबुलेंस से भी तीन सिलिंडर मांग लिए। इसके बाद एक अन्य युवक जिसने अपने पिता के लिए सिलिंडर मंगाए थे, किंतु पिता की मौत हो जाने पर बचे दो सिलिंडर भी विक्की को सौंप दिए।
कुल आठ सिलिंडरों की मदद से युवक ने 14 लोगों को आक्सीजन देकर राहत पहुंचाई। यह मदद अस्पताल प्रशासन को यह नागवार लगी।
मरीजों की जान से खिलवाड़ करने पर की गई कार्रवाई : मामला सुर्खियों में आने के बाद पहुंचे सीएमएस ने मरीजों को तो किसी तरह अस्पताल में भर्ती कर लिया, पर शुक्रवार को विक्की अग्रहरि और उसके दो अज्ञात साथियों के खिलाफ धारा-144 और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन, महामारी फैलाने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर दिया।
सीएमएस डॉ. अनिल शर्मा का कहना था कि ओपीडी पर्ची काउंटर के बगल में मरीजों को लेटाकर युवक ऑक्सीजन दे रहा था, जबकि वह न तो इसके लिए अधिकृत था और न ही उसके पास कोई डिग्री है। यह मरीजों की जान से खिलवाड़ करना था। बस अस्पताल प्रशासन की छवि खराब करने के लिए ऐसा किया गया था। कोतवाली प्रभारी तारावती यादव ने बताया कि मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
