Home > राज्य > उत्तरप्रदेश > अन्य > कोरोना काल में होमियोपैथी ने सिद्ध की अपनी उपयोगिता: डा. भक्तवत्सल

कोरोना काल में होमियोपैथी ने सिद्ध की अपनी उपयोगिता: डा. भक्तवत्सल

दावा किया कि कोरोना काल में होमियोपैथी ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की और दवाओं के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं।

कोरोना काल में होमियोपैथी ने सिद्ध की अपनी उपयोगिता: डा. भक्तवत्सल
X

आजमगढ़: होमियोपैथिक मेडिकल एसोसिएशन व केमिस्ट एंड मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में होमियोपैथी के अन्वेष्क डा. किश्चयन फैडरिक सैम्युल हैनीमन की जयंती शनिवार की रात प्रतिभा निकेतन स्कूल में मनाई गयी।

इस दौरान चिकित्सकों ने जहां उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन पर आयुष पद्धतियों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए भारत सरकार से होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति को और बढ़ावा देने के लिए सार्थक कदम उठाने की मांग की। चिकित्सकों ने दावा किया कि कोरोना काल में होमियोपैथी ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की और दवाओं के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं।

कार्यक्रम का शुभारंभ भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अखिलेश मिश्र गुड्डू, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अरविंद जायसवाल, केंद्रीय होमियोपैथी परिषद के पूर्व सदस्य व हमाई अध्यक्ष डा. भक्तवत्सल ने डा. हैनीमन की प्रतिमा पर माल्यापर्ण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

डा. भक्तवत्सल ने कहा कि महात्मा डा. हैनीमन ने पीड़ित मानवता के लिए होमियोपैथी के रूप में एक अमृत कलश प्रदान किया है जिसकी दो बूंद औषधि से अनेका अनेक रोगों का उन्मूलन सहजता से हो जाता है। स्वस्थ्य भारत की परिकल्पना बिना होमियोपैथी करना संभव ही नहीं है। एलोपैथ सहित जहां मेडिकल की सारी विधाएं फेल हो जाती है वहां भी होमियोपैथ मरीज को पूर्णरूप से असाध्य रोगों के मुक्ति दिलाता है।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी होमियोपैथी ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की और होमियोपैथिक दवाओं के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की का सोच आयुष पद्धतियों के लिए सकारात्मक नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन पर मार्डन मेडिसिन का कब्जा है जबकि समय-समय पर आयुष औषधियों ने आपनी उपयोगिता सिद्ध की है। सरकार को होमियोपैथी विधा को बढ़ावा देने के लिए सार्थक कदम उठाने चाहिए।

बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अखिलेश मिश्र गुड्डू ने कहा कि होमियोपैथी दुनियां की सबसे सस्ती चिकित्सा पद्धति है। यह कम खर्च में असाध्य रोगों को पूरी तरह जड़ से समाप्त करती है। इस पद्धति के और अधिक प्रचार प्रसार की जरूरत है। भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि होमियोपैथी भारत के स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ बन चुकी है। इसे और बढ़ावा देने की जरूरत है। होमियोपैथिक को ऊंचाई तक ले जाना हम सभी की जिम्मेदारी है।

डा. सलमानी ने कहा कि एलोपैथ जहां फेल हो जाती है वहां भी होमियापैथिक बेहतर परिणाम दे रही है। हम असाध्य रोगों का भी इस पैथी से बेहतर उपचार कर सकते है। सबसे अहम है कि हम इस पैथी से रोग को जड़ से समाप्त करते है। इस दौरान वरिष्ठ चिकित्सक डा. राजेश तिवारी, डा. एसके राय, डा. एके राय, डा. चमन लाल सिंह, डा. गिरीश सिंह, डा. नवीन दुबे, डा. राजकुमार राय आदि को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए अंगवस्त्रम व मोमेंटों देकर सम्मानित किया गया। छात्रा आशिनी व इशिका द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुत कर लोगों को मुग्ध कर दिया। इस दौरान आयोजित कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध कवि ईश्वर चंद त्रिपाठी, विजेंद्र श्रीवास्तव व राकेश पांडये द्वारा कविता पाठ किया गया। अंत में महिलाओं और बच्चों ने केक काटकर डा. हैनिमन को याद किया। संचालन डा. देवेश दुबे ने किया।

इस मौके पर अध्यक्ष हमाई महिला प्रकोष्ठ नेहा दुबे, डा. रणधीर सिंह, डा.धर्मराज सिंह, डा. वी. पांडेय, डा. सीजे मौर्य, डा. एससी सैनी, डा. राजकुमार राय, डा. अभिषेक राय, डा. नीरज सिंह, डा. पूजा पांडेय, डा. राजीव आनन्द, डा. मनोज मिश्रा, डा. प्रभात, डा. राजकुमार, डा. वी पांडये, डा. नित्यानंद दूबे, डा. नरेन्द्र श्रीवास्तव, डा. राजीव पांडेय, डा. गिरीश सिंह, आदि उपस्थित थे।

Updated : 11 April 2021 11:01 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Lucknow

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top