उड़त गुलाल लाल भए बादर...

उड़त गुलाल लाल भए बादर...
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मथुरा। ब्रज में होली का उत्साह अपने चरम पर है। चारों ओर से उड़ते गुलाल व अबीर से ब्रज ही नहीं संपूर्ण लोक संस्कृति जीवंत हो रही है। ब्रज के मंदिरों में महुए की गंध भक्ति के वातावरण को बासंती हवा के साथ नव सृजन की ओर आकर्षित कर रही है। ब्रज की इस प्रेमानुभूति से सुसज्जित होकर मानस का मन जिंदगी के दुख-दर्द भूलकर रंगों में डूबने को विवश है। मंगलवार को भगवान कृष्ण के नंदगांव में होली का ऐसा उत्साह दिखाई दिया कि जिधर भी देखो...केवल रंग...रंग...और रंग...इसीलिए कहते है...उड़त गुलाल लाल भरे बादर...।

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