अब तक नहीं खुला सीडी में दफन फर्जी शिक्षकों का राज

मथुरा। बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में प्रदेशभर में डाक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के वर्ष 2004-05 सत्र के करीब 47 सौ फर्जी शिक्षक सामने आए थे। एसआईटी ने ऐसे शिक्षकों की एक सीडी जारी की थी।
इन पर आरोप था कि इन शिक्षकों ने बीएड की फर्जी या टेंपर्ड डिग्री के सहारे परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक पद पर नियुक्ति हासिल की थी। उस समय मथुरा में वर्ष 2004-05 की बीएड की फर्जी या टैंपर्ड अंकतालिकाओं के आधार पर कार्यरत 54 शिक्षक सामने आए थे। यह सूची उस समय शिक्षक भर्ती घोटाले के प्रमुख आरोपी व पटल सहायक रहे लिपिक महेश शर्मा द्वारा तैयार की गई थी।
विभाग के सूत्रों का कहना था कि जनपद में 100 से अधिक बीएड के फर्जी शिक्षक तैनात थे, लेकिन सौदेबाजी कर केवल 54 शिक्षकों के नाम उजागर किए गए थे। अब इस पूरे मामले में एक नया अपडेट आया है। एसआईटी ने फिर से बीएड के इन फर्जी शिक्षकों की एक संशोधित सूची बेसिक शिक्षा विभाग को भेजी है। बेसिक शिक्षा सचिव ने यह सीडी प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उपलब्ध कराई है।
सचिव ने 15 जनवरी तक सभी जनपदों में कार्यरत बीएड के फर्जी शिक्षकों की सूची तलब की थी। साथ ही साथ 30 जनवरी तक हर हालत में ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही कर उसकी सूचना बेसिक शिक्षा सचिव ने मांगी थी, लेकिन जनपद में ऐसा नहीं हुआ।
बीएसए चंद्रशेखर ने सीडी तो मंगा ली लेकिन उसको अभी तक खोल नहीं गया है। बीएसए चन्द्रशेखर लगातार छुट्टी पर चल रहे हैं और औपचारिक रूप से अपना पदभार भी किसी खण्ड शिक्षा अधिकारी को नहीं दे गए हैं। बीएसए के न होने से फर्जी शिक्षकों की अत्यंत महत्वपूर्ण सीडी को अभी तक खोला नहीं गया है और इसे लेकर एक बार पुन: विभाग में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।
