फरवरी में कड़ाके की सर्दी से गड़बड़ाई दिनचर्या

मथुरा। रात्रि भर घना कोहरा छाया रहा। ठंडी हवाएं चलती रहीं। सुबह सूर्य देव ने दर्शन नहीं दिए। सुबह पार्कों में घूमने वालों की संख्या कम दिखाई दी।
अभी तक ब्रजवासियों में दिसम्बर से जनवरी तक चर्चा होती थी कि इस बार कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ी। ऐसे में किसानों की गेहूँ की फसल कैसे पकेगी। प्रकृति ने पहले देर सवेर एक सप्ताह पूर्व वर्षा करके अपने मिजाज दर्शा दिए। हालांकि खेतों में परेवट के लिए यह वर्षा सोना साबित हुई।
शनिवार की सुबह कोहरे व बादलों के मध्य सूर्य देव दिखाई नहीं दिए। तेज हवाओं ने प्रात: कालीन सैर सपाटे को निकलने वाले लोगों का सामना जब कड़ाके की सर्दी से हुआ तो कई लोगों सुबह घूमने के लिए घरों से नहीं निकले। ठंड का आलम यह था कि कड़ाके की सर्दी बढ़ाने के लिए चल रही हवा भी यमुना किनारे पर कोहरे को नहीं हटा पा रहीं थी।
नहीं जले शहर में अलाव
एनजीटी के सख्त आदेश के कारण ऐसी भीषण ठंड में भी पूरे शहर में कहीं भी नगर निगम के अलाव जलते नहीं मिले। लोग इस कारण नगर निगम के अधिकारियों को कोसते नजर आए। लोगों का कहना था कि जब एनजीटी का पर्यावरण बचाने के लिए लकड़ी जलाना अपराध माना है तो नगर निगम को कोई अन्य प्रबंध करने चाहिए थे।
