पेशे से इंजीनियर दूधनाथ यादव के जुनून ने मानवता की खड़ी कर दी मिसाल

मथुरा। पेशे से इंजीनियर दूधनाथ सिंह यादव ने लाॅकडाउन में गरीब परिवारों को भूख से बिलखते देखा तो उनके सिर पर ऐसे लोगों को भोजन खिलाने का जुनून सवार हो गया। वो इस सेवा में इस कदर लगे है कि उन्हे अपनी सुध-बुध ही नहीं है। गरीब लोगों के लिए भोजन तैयार कराना, इस भोजन को जरूरत मंदों तक पहुंचाना ही आज उनकी दिनचर्या बन गई है।
दूधनाथ यादव ब्रज तीर्थ विकास परिषद में बतौर असिस्टेंट इंजीनियर काम कर रहे है। वो अपनी बेदाग छवि और ईमानदारी के साथ काम करने के लिए जाने जाते है। देश के पीएम ने लाॅकडाउन की घोषणा की। इसके बाद बदली परिस्थति में दूधनाथ सिंह यादव ने गरीब, असहाय लोगों को देखा जिनके पास खाने के लिए भोजन तक की कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने अपने मन की बात रिटायर्ड डीजीपी और परिषद के उपाध्यक्ष और शैलजाकांत मिश्रा से साझा की और एक योजना को तैयार किया। जिसमें सामथ्र्यवान लोगों का सहयोग लेकर गरीब-असहायों को निशुल्क भोजन देने का अभियान चलाने की मुहिम शुरू की। आज इस मुहिम में प्रतिदिन 12-15 हजार लोगों को भोजन वितरित किया जा रहा है। ये कार्य तीन चरणों में होता है। पहला चरण भोजन को तैयार किया जाना है जिसमें करीब 40-50 लोग लगते है। इसके बाद इस भोजन की पैकिंग होती है। कोरोना के कहर के बीच सबसे जोखिम भरा काम भोजन का वितरण है। दूधनाथ सिंह यादव ने इस जोखिम भरे काम का जिम्मा खुद लिया है, इस काम को जुनून के साथ अंजाम दे रहे है।
प्रतिदिन करते है वृंदावन की परिक्रमा
मथुरा। दूधनाथ सिंह यादव बिजली विभाग में इंजीनियर के पद से रिटायर हुए और अब ब्रज तीर्थ विकास परिषद में सेवारत है। उनकी जीवनशैली चौंकाने वाली है। वो प्रतिदिन वृंदावन की परिक्रमा करते है और केवल फल-दूध का ही सेवन करते है। विभाग में उन्हें एक ईमानदार अधिकारी के रूप मे ंजाना जाता था। वो अविवाहित है और अपने वेतन का बड़ा हिस्सा जनसेवा में लगा देते है। उनकी इसी विशिष्ट कार्य-जीवनशैली के चलते सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ब्रज तीर्थ विकास परिषद में उन्हें अहम जिम्मेदारी दी है।
