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राजनीतिक दलों का दोहरा रवैया, जबरन बन्द कराने वालों पर होगा एक्शन: मुख्यमंत्री

राजनीतिक दलों का दोहरा रवैया, जबरन बन्द कराने वालों पर होगा एक्शन: मुख्यमंत्री
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लखनऊ। कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के बीच किसानों द्वारा कल भारत बंद का आह्वान किया गया है। जिसे कांग्रेस सहित देश भर के विभिन्न राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है।किसानों के इस भारत बंद को राजनीतिक दलों द्वारा स्वहित के लिए दिए जा रहे समर्थन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तंज कसा है। उन्होंने राजनीतिक दलों के इस रवैये को दोहरा चरित्र करार दिया है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान कांग्रेस और उसके समर्थक दल स्वयं इसके पक्षधर थे और आज इसका विरोध कर रहे हैं। यह इन दलों के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। ये लोग भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर देश में अराजकता पैदा करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने आज मीडिया से चर्चा में कहा की डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2004 से लेकर 2014 तक शासन किया। तब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, वाम दल, डीएमके, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, तृणमूल कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल या तो सरकार में शामिल थे या फिर सरकार को समर्थन कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय 2010 और 2011 के समय में तत्कालीन केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने देश की विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजे थे। इनमें एपीएमसी एक्ट में व्यापक संशोधन की आवश्यकता बताते हुए कहा गया था कि भारत सरकार इस सम्बन्ध में मॉडल एक्ट तैयार कर रही है। तत्कालीन कृषि मंत्री ने इसे देश के अन्दर लागू करने की बात कही थी।। उन्होंने कहा सोनिया गांधी उस समय यूपीए की चेयरपर्सन थीं। राहुल गांधी कांग्रेस महासचिव और सांसद के रूप में एक अहम रोल में थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तब एपीएमसी एक्ट में संशोधन की बात करने वाले दल और सरकार की समर्थक पार्टियां आज अपने उन वक्तव्य से कैसे मुकर रहे हैं।

राजनीतिक दलों के दोहरे चरित्र को दर्शाता है -

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनके दोहरे चरित्र को प्रदर्शित करता है। भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर देश के अंदर यह लोग अराजकता पैदा करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जब शीला दीक्षित की सरकार के चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी सत्ता में आई, तब कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने हार के बाद इस बात का समर्थन किया था कि कांग्रेस पार्टी एपीएमसी एक्ट के अंतर्गत संशोधन करने की पक्षधर है। कांग्रेस सब्जियों और फलों को मंडी से मुक्त करने का समर्थन करेगी। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल किसानों के हित में कोई भी महत्वपूर्ण कदम उठाने में संकोच करते थे या उनकी इस बारे में कोई सोच नहीं थी।

राजनीतिक दलों ने स्टेंडिंग कमेटी में दिया समर्थन -

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि सम्बन्धी सुधारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अभी लागू किया गया है। इससे पहले इस सम्बन्ध में स्टैंडिंग कमेटी यानी संसद की कृषि संबंधी स्थाई समिति की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा हुई। तब अकाली दल, समाजवादी पार्टी, टीएमसी, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित अन्य दलों के नेताओं ने राज्यों के एपीएमसी एक्ट में संशोधन करने और मोरल एपीएमसी एक्ट लागू करने की वकालत की थी, जिसके तहत 'वन नेशन वन वन डे' की परिकल्पना को साकार किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि और आज वही दल भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर देश के अंदर अव्यवस्था और अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सबसे आश्चर्यजनक बात है कि जो आम आदमी पार्टी एपीएमसी एक्ट के तहत संशोधन के बाद इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर चुकी है, उसने भी मंगलवार के भारत बंद की घोषणा का समर्थन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दलों के दोहरे चरित्र को देखें। जब ये लोग सत्ता में रहते हैं, इनका आचरण कुछ और होता है, इनके वक्तव्य कुछ और होते हैं। संसद की स्टैंडिंग कमेटी में बैठने के दौरान इनके वक्तव्य कुछ और होते हैं और आज जब केंद्र सरकार ने किसानों के व्यापक हित में कृषि संबंधी इस कानून को पास करके देश के अंदर लागू किया है, कई राज्य सरकारों ने समर्थन इसे लागू किया है, तब ये दल दोहरा चरित्र दिखा रहे हैं।

किसानों को गुमराह करने का प्रयास -

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दलों के घोषणा पत्र देखे जाएं, खासतौर से कांग्रेस का घोषणा पत्र तो स्पष्ट रूप से एपीएमसी एक्ट के संशोधन का समर्थन करता है। मंडी प्रथा को समाप्त करने की वकालत करता है। लेकिन, वही कदम भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने उठाया है, तो आज यह लोग देश के अंदर अव्यवस्था और अराजकता का वातावरण पैदा कर कर किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। यह देश इन राजनीतिक दलों के दोहरे चरित्र का जवाब पहले दे चुका है।

उन्होंने कहा कि देशभर में न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से किसानों को लागत का डेढ़ गुना दाम उपलब्ध कराने का कार्य हो या फिर पीएम किसान सम्मान निधि हो। आजादी के बाद किसानों के हित में लिए गए यह सभी ऐतिहासिक और क्रांतिकारी फैसले हैं। देश की मंडियों को ई-नाम से जोड़कर 'वन नेशन, वन मार्केट' की तर्ज पर मंडियों को और किसान के उत्पाद को देश के अंदर कहीं भी बेचने और किसी भी प्रकार के मंडी शुल्क से मुक्त करने का क्रांतिकारी कदम प्रधानमंत्री ने उठाया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश के किसानों के हित में पिछले छह वर्षों में अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। हम सब जानते हैं कि पीएम फसल बीमा योजना, पीएम कृषि सिंचाई योजना और खेती को तकनीक के साथ जोड़ने का कार्य सफलतापूर्वक किया गया है।

जबरन बन्द कराने वालों पर सख्त एक्शन-

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत बन्द के दौरान किसी को भी कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। सरकार का प्रयास है कि सभी जगह पर स्थिति सामान्य रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाद किसानों के भारत बन्द को लेकर सरकार बेहद मुस्तैद है। इस दौरान कहीं पर भी कोई अप्रिय वारदात होने या फिर कहीं पर भी जबरन दुकान बन्द करवाने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार सख्त एक्शन लेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बन्द के नाम पर कहीं पर भी अभद्रता या फिर सरकारी उपक्रम या फिर स्थल को नुकसान पहुंचाने वालों पर जरा भी रहम नहीं होगा। शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात कहने या फिर अपना विरोध प्रकट करने का अधिकार सभी को है, अगर प्रदर्शन या विरोध के दौरान किसी को नुकसान होगा तो सरकार नुकसान पहुंचाने वाले से भरपाई भी करा लेगी। उन्होंने कहा कि जहां तक किसानों की बात है तो उनको किसी के भी बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। भाजपा सरकार ने सदैव उनके हित में काम किया है और आगे भी उनके हित के बारे में ही सोचेगी।

Updated : 12 Oct 2021 11:08 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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