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मुख्यमंत्री योगी ने विधायकों को दी सीख, कार्यों के जरिए आदर्श स्थापित करें

मुख्यमंत्री योगी ने विधायकों को दी सीख, कार्यों के जरिए आदर्श स्थापित करें
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधायकों को ठेके-पट्टे से दूर रहना चाहिए। उन्हें हर जगह अपनी टांग नहीं अड़ानी चाहिए। आपका आचरण ऐसा हो जिसे लोग उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत करें। उन्होंने विधायकों को पारदर्शी, शुचितापूर्ण जीवन जीने की सीख देते हुए सदन में तैयारी के साथ आने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के विधायकों के लिए चल रहे दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के अंतिम दिन शनिवार को यह बातें कहीं।

विधान भवन के नवीन भवन स्थित तिलक हाल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आदित्यनाथ ने कहा कि 1998 से जो यात्रा शुरू की थी, उसे आज भी आगे बढ़ा रहे हैं। 19 वर्षों तक काम करने के बाद हमें मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। तब हमने अंतरविभागीय समन्वय स्थापित किया। अगर हम अपने दयित्वों के प्रति सचेत रहेंगे तो हमारी सराहना करेंगे। हम लोकप्रियता हासिल कर सकेंगे। विधायकों को अपने कार्यों के माध्यम से आदर्श स्थापित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जो लोग ठेका-पट्टा में रुचि रखते हैं, जो लोग हर कार्य में रुचि रखते हैं, सदन में हंगामा करते हैं, वह लुढ़कते जाते हैं। संसद में भी देखा और विधानसभा में भी देखा है। सार्वजनिक जीवन में धैर्य रखने वाले लोग, सोच समझ कर बोलने वाले लोग हमेशा आगे बढ़ते हैं। अगर राजनीति में जातीयता हावी होती तो सुरेश खन्ना नौंवीं बार नहीं जीतते। उनकी विधानसभा में तो हजार वोट भी उनकी बिरादरी के नहीं हैं। विधानसभा अध्यक्ष भी इसी तरह से जीतते आ रहे हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए हमें कार्य करना चाहिए। हम ठेके-पट्टे से दूर रहें।

भाषण का अभ्यास कर सदन आएं -

मुख्यमंत्री ने कहा कि नये विधायकों को बोलने का मौका मिलना चाहिए। जरूरी नहीं कि आपकी भाषा साहित्यिक हो, व्याकरण युक्त हो। जनता की समस्याओं को उठाएं। तथ्यपरक हों। समाधान की चर्चा करें। इसकी पूरी तैयारी करके आएं। घर में भाषण का अभ्यास करें। यही भाषण जनता में आपके प्रति सम्मोहन पैदा करता है। यही सम्मोहन वोट के रूप में तब्दील होता है। विधानसभा बोलने का एक मंच बनना चाहिए। विधायकों को भाषण का अभ्यास करने को भी कहा। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की ओर मुखातिब होकर कहा कि राज्यपाल के अभिषाण पर चर्चा देररात तक क्यों नहीं हो सकती? रात में भोजन की व्यवस्था हो। विधायकों की मौजूदगी होनी चाहिए। राज्यपाल के आने से 15 मिनट पहले स्थान ग्रहण कर लें। हमें उनके प्रति आदर का भाव रखना चाहिए।

संयुक्त सत्र को छह जून को राष्ट्रपति करेंगे संबोधित -

विधायकों के आचरण पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छह जून को राष्ट्रपति राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे। उस मौके पर आप सभी आधे घंटे पहले अपनी सीट पर बैठ जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई चर्चा हो, राज्यपाल या फिर राष्ट्रपति का अभिभाषण हो, तो उस वक्त मोबाइल फोन स्वीच ऑफ करके रखें। बहुत जरूरी है तो मोबाइल को साइलेंट मोड में रखें। यह बात छोटी है लेकिन बहुत दूर तक जाती है।

मुख्यमंत्री ने अपने सांसद और मुख्यमंत्रित्व काल का जिक्र करते हुए कहा कि अगर हम गलत करते तो लोग हमें भी गाली देते। पिछले दिनों धार्मिक स्थलों से माइक उतारे गये। वह केवल एक धर्म के लिए नहीं था। सभी धर्मों के लिए समान रूप से लागू किया गया। सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने की बात आई तो लोगों ने आदर्श प्रस्तुत किया। मस्जिदों में तीन-तीन शिफ्टों में नमाज अदा की। ऐसी ही तमा महत्वपूर्ण बिदुओं पर मुख्यमंत्री ने विधायकों से चर्चा की।

Updated : 6 Jun 2022 7:13 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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