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योगी कैबिनेट ने गंगा एक्सप्रेस की टेंडर प्रक्रिया को दी मंजूरी, 90 फीसदी से ज्यादा हो चुका है भूमि अधिग्रहण

योगी कैबिनेट ने गंगा एक्सप्रेस की टेंडर प्रक्रिया को दी मंजूरी, 90 फीसदी   से ज्यादा हो चुका है भूमि अधिग्रहण
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प्रतीकात्मक तस्वीर 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को यहां लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में गंगा एक्स्प्रेसवे के टेंडर प्रक्रिया को अनुमोदन समेत 12 प्रस्तावों पर चर्चा के बाद मंजूरी दी गयी है। मेरठ बुलंदशहर मार्ग एनएच- 334 मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारंभ होकर प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जाएगा। 60 दिन के अंदर बिडिंग प्रक्रिया पूरी की जाएगी। परियोजना की लंबाई करीब 594 किलोमीटर है।

योगी सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा किस राज्य सरकार जिस तरह से एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर तेजी से काम कर रही है। योगी के नेतृत्व में एक्सप्रेसवे का जाल बनता जा रहा है। उससे आने वाले समय में राज्य की एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की अर्थ व्यवस्था बनने में बहुत बड़ा योगदान होगा। किसी राज्य के माध्यम सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इसका अनुमोदन 26 नवम्बर 2020 में किया गया था। इस परियोजना पर कुल 36 हजार 230 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सिविल निर्माण पर 19 हजार 754 रुपये खर्च होंगे। भूमि क्रय के लिए नौ हजार 255 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

92.02 फीसदी भूमि अधिग्रहण के बाद टेंडर डाक्यूमेंट जारी -

सिद्धार्थनाथ सिंह ने नाम लिए बगैर समाजवादी पार्टी के मुखिया व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व के साथी यह कहां करते हैं कि यह योजना हमारी है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को लेकर के भी उनकी टिप्पणी आई थी। एक प्रावधान है कि जब तक 80 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण नहीं करते हैं, तब तक टेंडर नहीं निकाल सकते। आज हम गंगा एक्सप्रेस-वे के टेंडर डॉक्युमेंट क्यूएफपी, आरएफपी दोनों निकाल रहे हैं, तब गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 92.02 जमीन खरीदी जा चुकी है। यह एक्सप्रेस वे छह लेन का होगा। आठ लेन तक इसे विस्तारित किया जा सकता है। इसीलिए परियोजना से जुड़े पक्के निर्माण आठ लेन के हिसाब से ही बनाये जा रहे हैं। चार पैकेज में विभाजित किया गया है। पैकेजों को पांच हजार से लेकर पांच हजार 800 करोड़ की लागत में रखा गया है। यह 30 साल का एग्रीमेंट होगा। पीपीपी मॉडल पर परियोजना होगी। इस पर 120 किलामीटर की स्पीड निर्धारित की जा रही है। आज मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा है कि एक्स्प्रेसवे के पास एयरमार्क कर दिया जाए कि कहां-कहां उद्योग के क्लस्टर बनने हैं। अभी नौ जगहों पर एंट्री का प्रावधान किया गया है। आगे चलकर एंट्री बढ़ाई जाएगी। 60 दिन के अंदर बिडिंग की सम्पूर्ण प्रक्रिया पूरी की जाएगी। एक्सप्रेसवे के निर्माण से जुड़ी सारी प्रक्रिया को करीब-करीब मंजूरी प्रदान कर दी गई है। ताकि तेजी से निर्माण कराया जा सके। इस परियोजना का लाभ मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को मिलेगा।

ललितपुर में तेजी से बनेगा एयरपोर्ट -

इसके अलावा कैबिनेट से ललितपुर में एयरपोर्ट निर्माण से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड में डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है और कई ऐसे महत्वपूर्ण योजनाएं वहां संचालित हो रही हैं ऐसे में एयरपोर्ट की उपयोगिता काफी बढ़ जाती है। एयरपोर्ट निर्माण के लिए आज कैबिनेट में तीन बिंदु रखे गए। इसमें गांव की कुल 91.773 हेक्टेयर जमीन खरीदनी होगी। इसकी लागत कुल मिलाकर 86.65 करोड़ रुपये है। स्टाम्प ड्यूटी 76.75 लाख रुपये लगेंगे। इसे भी अनुमोदन मिला है। तीसरा बिंदु रक्षा मंत्रालय की जमीन 12.79 हेक्टेयर भूमि एक्सचेंज में ले रहे हैं। बदले में गांव की जमीन भविष्य में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण में इसे छोटे एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है आगे चलकर इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के रूप में विकसित किया जाएगा।

Updated : 12 Oct 2021 10:34 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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