उप्र परिवहन निगम चलाएगा बीएस-6 मॉडल की बसें, 80 फीसदी तक प्रदूषण होगा कम

उप्र परिवहन निगम चलाएगा बीएस-6 मॉडल की बसें, 80 फीसदी तक प्रदूषण होगा कम
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बसों के कलपुर्जों पर लैपटॉप से रखी जाएगी नजर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए बीएस-6 मॉडल की बसें चलाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। फिलहाल अभी तक 150 बसें कानपुर के केंद्रीय कार्यशाला में आ चुकी हैं। इन हाईटेक बसों से 80 फीसदी प्रदूषण कम होगा।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने यात्रियों के सुरक्षित सफर पर फोकस करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में अब बीएस-6 मॉडल की बसें चलने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बीएस-6 मॉडल की करीब 150 बसें कानपुर के केंद्रीय कार्यशाला में आ चुकी हैं। इन हाईटेक बसों से 80 फीसदी प्रदूषण कम होगा। साथ ही किसी भी तरह की तकनीकी गड़बड़ी, शॉर्ट सर्किट से आग, टायर फटने जैसे हादसों की पूर्व सूचना इसमें लगे सॉफ्टवेयर के माध्यम से मिल जाएगी। बस के किसी भी हिस्से में कलपुर्जों में खराबी पहले ही पकड़ में आ जाएगी।

बीएस-6 मॉडल की हाईटेक बसें अभी गुजरात और कर्नाटक में चल रहीं हैं। इन बसों के सुरक्षित संचालन के लिए परिवहन निगम डिपो के फोरमैन को सप्लाई करने वाली कंपनी प्रशिक्षण देगी। ताकि किसी हादसे पर बस की मरम्मत करके यात्रियों के सफर को सुरक्षित कराया जा सके। बस में 26 सेंसर सॉफ्टवेयर लगे हैं जो मरम्मत के समय दिक्कतों को बता देंगे। पहले चरण में बीएस-6 मॉडल की 150 बसें आ गई है। बसें परिवहन निगम के केंद्रीय कार्यशाला में खड़ी है। दूसरे चरण में 775 बसों की चेचिस आ गई है। चेचिस पर बस बॉडी बनाने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं।

परिवहन निगम मुख्यालय के सीजीएम (प्राविधिक) संजय शुक्ला का कहना है कि यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए बीएस-6 मॉडल की हाईटेक बसों को चलाने की तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। यात्रियों को बसों की सुविधा इसी महीन से मिलने की उम्मीद है।

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