कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद अब ब्लैक फंगस का हमला
प्रदेश में शुक्रवार को तीन लोगों की मौत हो गई जबकि निजी अस्पतालों में भर्ती एक दर्जन से अधिक लोगों की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।
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लखनऊ: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण से उबरे कुछ लोगों पर अब ब्लैक फंगस का भी हमला हो रहा है। प्रदेश में शुक्रवार को तीन लोगों की मौत हो गई जबकि निजी अस्पतालों में भर्ती एक दर्जन से अधिक लोगों की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।
कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिलने या फिर होम आइसोलेशन में ही उपचार के बाद ठीक होने पर भी राहत नहीं है। अब इनमें से बड़ी संख्या के लोगों पर ब्लैक फंगस नई आपदा बनकर टूट रहा है। एक तरफ प्रदेश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है। दूसरी ओर अब इसके साथ ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस ने कोरोना संक्रमितों के लिए खतरा पैदा कर दिया है।
म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस सबसे ज्यादा उन पर घातक साबित हो रहा है जो कि कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं और उन्हेंं डायबिटीज यानी मधुमेह है। ब्लैक फंगस ऐसे लोगों के फेफड़ों, आंखों और दिमाग पर असर डाल रहा है और यह उनकी जान पर भारी पड़ रहा है। इसके प्रभाव से लोगों की आंखों में रोशनी भी खत्म हो रही है।
यह शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। इससे शरीर के कई अंग बेहद प्रभावित हो सकते हैं। शुक्रवार को मेरठ में इसकी चपेट में आने के बाद एक और झांसी में दो लोगों ने दम तोड़ दिया। इन दिनों प्रदेश के निजी कोविड अस्पतालों में बड़ी संख्या में नए मरीज मिल रहे हैैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई गई है।
मेरठ में न्यूटिमा में भर्ती मुजफ्फरनगर के एक मरीज की शुक्रवार को मौत हो गई, वहीं होप अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीज की आंख खराब हो गई। इस मरीज की आंख को निकालना पड़ा है। इसके बाद से मेरठ जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। यहां पर निजी अस्पतालों एवं ईएनटी क्लीनिकों से ब्लैक फंगस के लक्षणों वाले मरीजों की जानकारी जुटाई जा रही है। इससे पहले ही मेरठ मेडिकल कालेज में ब्लैक फंगस के पांच मरीजों का इलाज चल रहे है, जबकि दो दिन पहले एक को नई दिल्ली रेफर कर दिया गया था। न्यूटिमा, लोकप्रिय, होप एवं भाग्यश्री समेत कई अस्पतालों में इससे पीडि़त मरीज भर्ती हैं। बाजार में इसके लिए जरूरी दवाएं न मिलने से मरीजों की जिंदगी दांव पर है।
मेरठ के ईएनटी रोग विशेषज्ञों का कहना है कि म्यूकरमाइकोसिस नामक फंगस वातावरण में हमेशा रहता है, लेकिन कोविड मरीजों को यह ज्यादा पकड़ रहा है। न्यूटिमा के डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि ब्लैक फंगस बेहद खतरनाक बीमारी है। पिछली लहर की तुलना में इस बार पोस्ट कोविड फेज में यह ज्यादा देखी जा रही है। आनंद अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ब्लैक फंगस के दो मरीजों का आपरेशन किया है।
Swadesh Lucknow
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