उप्र में तीन जेल अधीक्षक सस्पेंड, बरेली जेलर को अशरफ अहमद को गुर्गों से मिलाना पड़ा भारी

उप्र में तीन जेल अधीक्षक सस्पेंड, बरेली जेलर को अशरफ अहमद को गुर्गों से मिलाना पड़ा भारी
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बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम, नैनी जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह सस्पेंड

लखनऊ। सरकार ने जेलों में कैदियों को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। प्रदेश की तीन बड़ी जेल के जेलरों को सस्पेंड कर दिया है। इसमें बरेली सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला, बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम और प्रयागराज की नैनी जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत का नाम शामिल है।

शासन ने ये कार्रवाई प्रभारी डीआईजी जेल आरएन पांडेय की रिपोर्ट के आधार पर की है। बरेली जेल के जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला पर पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ जेल में विशेष सुविधाएं देने के लिए सस्पेंड किया गया है। बता दें की प्रयागराज में हुए उमेशपाल हत्याकांड की पूरी साजिश बरेली जेल में ही रची गई थी। बरेली जेल अधीक्षक की ढील के कारण ही ये साजिश अंजाम तक पहुंच पाई थी। अब इस मामले में जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप समेत 5 अधिकारी को पहले ही निलंबित किया गया है।

नैनी जेल में रुका था माफिया अतीक अहमद -

इसके अलावा प्रयागराज की नैनी जेल के जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह को भी निलंबित किया गया। बीते दिनों सजा के लिए प्रयागराज लाए गए माफिया अतीक अहमद को जेल में प्रवेश की शशिकांत सिंह ने अनुमति नहीं दी थी। उसे लेकर पुलिस फ़ोर्स को पांच घंटे तक इन्तजार करना पड़ा था। इसके अलावा पिछले शनिवार जेल में छापा पड़ने पर कुछ आपत्तिजनक वस्तुएं भी मिली थी। जिसके बाद सस्पेंड कर दिया गया।

बांदा जेल -

इस लिस्ट में तीसरा नाम बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम का है। इस जेल में पूर्वांचल का माफिया मुख्तार अंसारी बंद है। अविनाश गौतम पर अपने कर्तव्य में लापरवाही का आरोप है। उन पर भी डीजी जेल की रिपोर्ट के अधार पर कार्रवाई की गई है।

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