हर मोर्चे पर डटे और चौबीसों घंटे चौकन्ने हैं सीएम योगी
अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करा रहे है और कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए योजनाएं बनवाकर ना सिर्फ उन्हें लागू करवा रहें है बल्कि उनके अनुपालन की रिपोर्ट ही देख रहे हैं।
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लखनऊ: बीती 14 अप्रैल से कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के लोगों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए हर मोर्चे पर डटे हुए हैं।
हल्के बुखार और थोड़ी -थोड़ी देर में आने वाली खांसी के बीच मुख्यमंत्री रोज ही अपने आवास से वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए करीब पांच घंटे प्रदेश के तमाम अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोना संक्रमित हुए लोगों के इलाज को लेकर निर्देश दे रहें हैं। जिसके तहत वह सूबे में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करा रहे है और कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए योजनाएं बनवाकर ना सिर्फ उन्हें लागू करवा रहें है बल्कि उनके अनुपालन की रिपोर्ट ही देख रहे हैं।
यह सब करते हुए मुख्यमंत्री 18 वर्ष से अधिक आयु को सभी लोगों को 1 मई से वैक्सीन लगाने संबंधी योजना तैयार कराने में भी लगे हैं। यह बड़ा काम है, वैक्सीन कोरोना महामारी से लोगों को बचाने में मददगार साबित हो रही है, इस लिए इस पर अब मुख्यमंत्री ख़ासा जोर दे रहे हैं।
इसके साथ ही वह हर कोरोना संक्रमित के इलाज को महत्व दे रहे हैं, इन्हें अस्पतालों में भर्ती कराने के लिए अब सीएम ने हर जिले के डीएम-एसपी को जवाबदेह बनाया। बीते साल भी जब इसी महीने लाखों लोग अचानक ही लॉकडाउन की परवाह किए बिना ही अन्य राज्यों से प्रदेश में आने लगे थे, तब भी मुख्यमंत्री ने इस तरह से मोर्चे पर डटकर उन्हें उनके घरों तक पहुंचने की व्यवस्था की थी।
अब फिर मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से लोगों को बचाने के लिए एक साथ कई मोर्चे पर कार्य कर रहें हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यूपी 'रोगी' न बने, इसके लिए ऐसे तमाम फैसलों के साथ योगी खुद मोर्चे पर जुटे हैं। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सबसे बड़ी जनसंख्या वाला प्रदेश होने के चलते कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी का खतरा यूपी में सबसे अधिक था। ऐसे में मुख्यमंत्री रोज टीम-11 के साथ बैठक कर त्वरित फैसले की रणनीति अपनाई। चाहे मेडिकल ऑक्सीजन खरीदने का मसला हो यह सरकारी प्लेन भेजकर रेमडेसिवीर मंगवाने का। आनन -फानन में फैसले लिए जा रहे हैं।
सीएम ने इंतजार की जगह राज्य का खजाना खोल दिया। कोरोना को आपदा घोषित कर स्वास्थ्य व अन्य जरूरी खरीदों के लिए तकनीकी दिक्कतें दूर की। किसानों को राहत देने के लिए उन्हें गेहूं बेचने में भी कई रियायतें इसी सोच के तहत दी गई हैं।
इसी के तहत मुख्यमंत्री ने दफ्तर में बैठने और अफसरों को 'आंख' बनाने की जगह जमीनी फीडबैक पर फोकस किया है। तमाम जिलों में नोडल अफसर बनाकर कई अफसरों को इसी सोच के तहत भेजा गया है। यह अफसर कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन की मदद कर रहें है। इसके अलावा मुख्यमंत्री हर दिन कोरोना से संबंधित समस्याओं के नोट्स के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग में अफसरों के साथ बात करते हैं और उनके दावे एवं आंकड़ों को क्रॉस चेक करते हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री ने बीते दिनों अखबारों के संपादकों से भी बात की।
आज वह डाक्टरों तथा दवाओं निर्माताओं से वार्ता करेंगे। बुधवार को मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए बनाई गई निगरानी समितियों के लोगों से वार्ता करेंगे। इसके अगले दिन मुख्यमंत्री आयुष डॉक्टरों से कोरोना नियंत्रण पाने के लिए वार्ता करेंगे। इस तरह की वार्ताओं से मिले उचित सुझाव को मुख्यमंत्री लागू भी कर रहें हैं।
Swadesh Lucknow
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