विधानसभा में रक्षाबंधन: अदिति ने समकक्ष प्रतीक भूषण के 'मणिबंध' पर बांधे 2 रक्षासूत्र

लखनऊ। अतुल मोहन सिंह। संवत-2082 (भाद्रपद) को विधानसभा के मानसून सत्र के प्रारंभिक दिवस पर सदन में एक हृदयस्पर्शी दृश्य प्रकट हुआ। रायबरेली की भाजपा विधायक अदिति सिंह गोंडा विधायक प्रतीक भूषण सिंह के करमूल (कलाई) पर दो रक्षासूत्र बांधकर भ्रातृ-भगिनी के पवित्र बंधन को साकार रूप देती दिखीं। प्रतीक ने अदिति के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया, जिसने इस क्षण को और भी मंगलमय बना दिया। दृश्य न केवल रक्षाबंधन पर्व की गरिमा का द्योतक है, अपितु गोंडा और रायबरेली के मध्य एक सांस्कृतिक और भावनात्मक संवाद का प्रतीक बन गया।
प्रतीक ने शगुन में दिया दिन का भत्ता, अदिति बोलीं चाहिए मास भर का : अदिति ने ‘भ्राता’ प्रतीक को उन्नति और समृद्धि का आशीर्वाद दिया। दोनों के मध्य हास्य-विनोद का रसपूर्ण संवाद हुआ। प्रतीक ने हंसते हुए कहा, वह एक दिन का भत्ता भगिनी अदिति को उपहार स्वरूप देंगे। इस पर अदिति ने विनोद किया, 'एक दिन का नहीं, पूरे मास का भत्ता चाहिए।' प्रतीक ने भी हल्के-फुल्के अंदाज में प्रत्युत्तर दिया, 'पूर्ण मास का भत्ता अति हो जाएगा।' यह संवाद दोनों के मध्य सौहार्द और आत्मीयता की तस्वीर में ढल गया।
गोंडा-रायबरेली का बंधन अटूट, करेंगे भगिनी की रक्षा : प्रतीक ने भाव में कहा, 'संकल्प है, गोंडा वाले रायबरेली की प्रत्येक भगिनी की रक्षा करेंगे और मैं स्वयं भगिनी अदिति की सदा रक्षा करूंगा। यह गोंडा और रायबरेली का बंधन है, भ्राता-भगिनी का पवित्र रिश्ता है।'
सैलाब के चलते प्रतीक नहीं आ सके घर, तो सदन सही : अदिति ने 'स्वदेश' को बताया, प्रत्येक रक्षाबंधन पर प्रतीक उनके घर राखी बंधवाने आते थे। इस वर्ष गोंडा में बाढ़ के चलते वह पीड़ित जनों की सेवा में व्यस्त रहे। अतः विधानसभा के मानसून सत्र के मध्य यह पावन रस्म संपन्न हुई। कहा, प्रतीक को खूब तरक्की का आशीर्वाद दिया है।
प्रतीक-करण में प्रस्फुटित हैं पारिवारिक संस्कार : प्रतीक भूषण सिंह देवीपाटन मंडल के सिरमौर नेता पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ज्येष्ठ पुत्र हैं। वे गोंडा सदर से दूसरी बार निर्वाचित हुए हैं। कनिष्ठ अनुज करण भूषण सिंह कैसरगंज से सांसद हैं। माता केतकी देवी सिंह सांसद तथा जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं।
विदेश से स्वदेश की राजनीति तक : रायबरेली विधायक अदिति सिंह पिता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. अखिलेश सिंह की राजनीतिक विरासत संजो रही हैं। उन्होंने 2017 में कांग्रेस से विधानसभा का पहला चुनाव जीता। 2022 में वे भाजपा में सम्मिलित हुईं और पुनः चुनी गईं। अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली अदिति ने पिता की प्रेरणा से राजनीति में प्रवेश किया। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, राजनीति उनकी प्रथम प्राथमिकता थी और समर्पण से कार्यरत हैं।
संजोए सामाजिक-पारिवारिक मूल्य : विधानसभा जैसे औपचारिक मंच पर रक्षाबंधन का उत्सव भ्राता-भगिनी के रिश्ते की मधुरता प्रकट करता है। दर्शाता है, दो युवा नेता राजनीतिक जिम्मेदारियों संग सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों को भी संजोए हैं। यह क्षण गोंडा और रायबरेली के मध्य सांस्कृतिक और भावनात्मक सेतु बनकर उभरा।
