11 वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ राजीव कृष्ण बने 'मुखिया': उत्तर प्रदेश के डीजीपी के साथ संभालेंगे 3 अहम पदों की जिम्मेदारी…

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भेंट कर आभार प्रकट किया। साथ ही, कानून-व्यवस्था के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त किया। खास बात यह है कि उन्हें एक साथ तीन बड़े पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आईपीएस राजीव कृष्ण को सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक और पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष पद के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार देने का निर्णय लिया गया है।
पुलिस महानिदेशक के साथ वे सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक और पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष की भी भूमिका निभाएंगे। राजीव कृष्ण को यह जिम्मेदारी अपने से वरिष्ठ 11 आईपीएस अधिकारियों को दरकिनार करते हुए सौंपी गई है।
नवनियुक्त डीजीपी राजीव कृष्ण 1991 बैच के अधिकारी हैं। दरअसल, 31 मई को कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार रिटायर हो गए हैं। शनिवार रात को ही नवनियुक्त डीजीपी राजीव कृष्ण ने पदभार ग्रहण कर लिया है।
ये वरिष्ठ अधिकारी रह गए पीछे : यूपी का डीजीपी बनने की दौर में कई सीनियर आईपीएस अधिकारियों का नंबर आगे था, लेकिन वे रेस में पीछे रह गए। इन वरिष्ठ अधिकारियों में आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्र, शफी एहसान रिजवी, दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्रा, संदीप सालुंके, बीके मौर्य, तिलोत्तमा वर्मा, एमके बशाल, आलोक शर्मा और पीयूष आनंद शामिल हैं। इस सूची में 1989 से 1991 बैच के अधिकारी शामिल हैं।
इंजीनियरिंग के बाद आईपीएस : नोएडा निवासी राजीव कृष्ण ने रुड़की विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने पुलिस सेवा में जाना चुना। उन्हें दो बार राष्ट्रपति वीरता पदक से नवाजा जा चुका है।
वर्तमान में उनकी सेवानिवृत्ति में चार साल और एक महीने बाकी बचा हैं। नवनियुक्त डीजीपी राजीव कृष्ण की पत्नी मीनाक्षी सिंह एक सीनियर आईआरएस अफसर हैं। वे लखनऊ में आयकर विभाग के मुख्यालय में तैनात हैं।
मजबूत फील्ड अनुभव : राजीव कृष्ण का पुलिस सेवा में लंबा और विविध अनुभव रहा है। वे लखनऊ, फिरोजाबाद, फतेहगढ़, इटावा, मथुरा, बुलंदशहर, नोएडा, आगरा जिले में एसपी और एसएसपी रह चुके हैं। इसके अलावा मेरठ रेंज के आईजी, लखनऊ और आगरा जोन के एडीजी रह चुके है। इसके साथ ही अपनी सर्विस के दौरान कई जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
जनवरी 2017 से सितंबर 2019 तक एडीजी जोन लखनऊ और एडीजी जोन आगरा के रूप में अपनी पिछली पोस्टिंग में वे यूपी के 19 जिलों में पुलिसिंग की निगरानी के लिए जिम्मेदार थे।
एटीएस के संस्थापक प्रमुख : राजीव कृष्ण उत्तर प्रदेश एटीएस के संस्थापक प्रमुख भी रहे हैं। 26 नवंबर 2007 को अदालतों में हुए धमाकों के बाद एटीएस का गठन किया गया था। उनकी अगुवाई में इंडियन मुजाहिदीन के कई गुर्गों को पकड़ने में सफलता मिली थी।
वर्तमान में राजीव कृष्ण यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष और सतर्कता निदेशक के तौर पर कार्यरत थे। उन्होंने हाल ही में 60244 कांस्टेबलों की भर्ती प्रक्रिया का रणनीतिक और निष्पक्ष संचालन किया था।
बीएसएफ में भी अहम भूमिका : राजीव कृष्ण ने 2012 से 2017 तक बीएसएफ में आईजी (ऑपरेशन्स) के रूप में सेवाएं दीं। इस दौरान उन्होंने भारत-पाक सीमा पर कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआईबीएमएस) को डिजाइन और लागू किया। इसमें रडार, कैमरा, अंडर वॉटर सेंसर, और एरियल मॉनिटरिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल कर सीमा की सुरक्षा को नई दिशा दी।
शानदार फैमिली बैकग्राउंड : राजीव कृष्ण का फैमिली बैकग्राउंड शानदार है। उनकी पत्नी मीनाक्षी सिंह एक वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी हैं। इनके अलावा उनके परिवार में कई प्रशासनिक अधिकारी हैं। राजीव कृष्ण ने 31 मई को नए डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। उनके नेतृत्व में कानून-व्यवस्था और पुलिसिंग व्यवस्था में नए आयाम जुड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
