सिख समुदाय पर हेट स्पीच मामले में राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ीं: निचली अदालत में खारिज मुकदमे पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई जारी रखने का दिया आदेश…

वाराणसी। सिख समुदाय को लेकर अमेरिका में दिए गए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण को लेकर वाराणसी के अवर न्यायालय में सुनवाई होगी। एमपी/एमएलए कोर्ट ने सोमवार को राहुल गांधी को अवर न्यायालय से मिली राहत खारिज कर दी है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने अवर न्यायालय को नागेश्वर मिश्रा के प्रार्थना-पत्र पर सुनवाई का आदेश दिया।
गुण-दोष के आधार पर सुनवाई करेगी अदालत : वाराणसी के एमपी/एमएलए कोर्ट ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को अवर न्यायालय से मिली राहत को खारिज करते हुए आदेश दिया है कि अवर न्यायालय नागेश्वर मिश्र की एप्लीकेशन पर गुण-दोष के आधार पर सुनवाई करे। अवर न्यायालय ने 28 नवंबर 2024 को नागेश्वर मिश्र की अर्जी खारिज कर दी थी।
सिख समुदाय के खिलाफ की थी आपत्तिजनक टिप्पणी : नागेश्वर मिश्र इस फैसले के खिलाफ रिवीजन में एमपी/एमएलए कोर्ट में गए। वहां से सोमवार को उनके पक्ष में फैसला आया। नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ अवर न्यायालय में 156 (3) में एप्लीकेशन दिया था कि राहुल गांधी ने सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है।
हो सकती है 10 साल की सजा : इसको खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने भी उचित ठहराया था। इससे देश की एकता अखंडता के लिए खतरा पैदा हो गया है। अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने कहा कि इस फैसले के बाद अब राहुल गांधी के बयान को लेकर गुण-दोष के आधार पर कोर्ट सुनवाई करेगा। यदि नागेश्वर मिश्रा के पक्ष में फैसला आता है, तो फिर राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है। इसमें दस साल तक की सजा का प्रावधान है। कुल मिलाकर अब राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
