लखनऊ की लेखिका के गजल संग्रह की मॉरीशस में 'मुंह-दिखाई': राष्ट्रपति धरमवीर गोकुल जीसीएस ने किया 'यादों की रियासत' का विमोचन…

राष्ट्रपति धरमवीर गोकुल जीसीएस ने किया यादों की रियासत का विमोचन…
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ग़ज़ल संग्रह 'यादों की रियासत' का विमोचन करते भारत के उप उच्चायुक्त विमर्श आर्य, डॉ.अंजना सिंह, राष्ट्रपति धर्मवीर गोकुल, महासचिव डॉ.माधुरी रामधारी और उपमहासचिव शुभंकर मिश्र (दाएं से बाएं)

लखनऊ। लखनऊ/प्रतापगढ़ से ताल्लुख रखने वाली सुप्रसिद्ध लेखिका की सद्य प्रकाशित पुस्तक की मॉरीशस में 'मुंह-दिखाई' हुई है। विश्व हिंदी सचिवालय में संगीत दिवस पर हुए अंतरराष्ट्रीय समारोह में डॉ.अंजना सिंह सेंगर के हिन्दी गजल संग्रह 'यादों की रियासत' का विमोचन मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति धरमवीर गोकुल जीसीएस ने किया। इस अवसर पर भारत के उप उच्चायुक्त विमर्श आर्यन, विश्व हिन्दी सचिवालय की महासचिव डॉ.माधुरी रामधारी, उप महासचिव डॉ.शुभंकर मिश्र के साथ कई देशों ने आए साहित्यकार भी मौजूद रहे।

राष्ट्रपति धरमवीर गोकुल ने गजल संग्रह 'यादों की रियासत' की प्रशंसा करते हुए डॉ.अंजना सिंह सेंगर से कहा कि आपको कभी रुकना नहीं है। लेखन की धारा निरंतर चलती रहे। उन्होंने कहा कि गीत-संगीत हम सभी पसंद करते हैं ये हमारे जीवन में अहम स्थान रखते हैं, क्योंकि इनमें बेहतर मानवीय संवेदनाएं होती हैं। इसके माध्यम से बच्चे हो या बुजुर्ग सभी हिंदी भाषा से परिचित होते हैं। हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमें समस्या पर नहीं समाधान पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

विश्व हिन्दी सचिवालय की महासचिव डॉ.माधुरी रामधारी ने कहा कि हिंदी लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए दुनिया भर में प्रकाशित होने वाली साहित्य की सभी विधाओं की पुस्तकों का विमोचन होता है। इस बार डॉ.अंजना सिंह सेंगर के गजल संग्रह का विमोचन जब मॉरीशस के राष्ट्रपति स्वयं कर रहे हैं, तो इस पुस्तक से प्रेरणा लेकर तय किया कि सचिवालय की ओर से गजल लेखन पर शीघ्र ही एक बड़ी कार्यशाला होगी। इसमें डॉ.अंजना सिंह सेंगर भी आमंत्रित होंगी।


साहित्यिक धारा नहीं, बल्कि संवेदनाओं का समुंदर है ग़ज़ल की यात्रा : 'यादों की रियासत' की लेखिका डॉ.अंजना सिंह सेंगर ने कहा कि जब हम हिंदी ग़ज़ल की यात्रा तो देखते हैं तो यह साहित्यिक धारा नहीं, बल्कि संवेदनाओं का समुंदर नजर आती है जो आने वाले समय में और भी विस्तार पाएगा। डॉ. सेंगर ने कहा कि मेरे लिए आज दिन जीवन का यादगार दिन है, क्योंकि विश्व हिन्दी सचिवालय में मॉरीशस के राष्ट्रपति के कर कमलों से मेरी पुस्तक का विमोचन हुआ है। उन्होंने बताया कि अब तक उनकी सात पुस्तकें प्रकाशित होने के साथ ही देश-विदेश में कई सम्मान प्राप्त हुए हैं

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