कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी, जिलों में बनेंगे पीडियाट्रिक आईसीयू
सीएम योगी आदित्यनाथ ने थर्ड वेव को लेकर कहा कि कोविड-19 की थर्ड वेव में अधिक संख्या में बच्चों के चपेट में आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसी कारण हमने हर एक जनपद के साथ ही सभी मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक आइसीयू तैयार करने के लिए कहा है।
X
लखनऊ: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के कई चरण में हमला करने के कारण बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करने के बीच में उत्तर प्रदेश में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगे की तैयारी होने लगती है। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संमक्रण की थर्ड वेव से भी निपटने की तैयारी हो रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने थर्ड वेव को लेकर कहा कि कोविड-19 की थर्ड वेव में अधिक संख्या में बच्चों के चपेट में आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसी कारण हमने हर एक जनपद के साथ ही सभी मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक आइसीयू तैयार करने के लिए कहा है। चारों तरफ से कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमने थर्ड वेव पर अंकुश लगाने के लिए अभी से अपनी कार्य योजना बनानी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हर जिले में प्रशासन को महिलाओं और बच्चों के लिए डेडिकेटेड हॉस्पिटल अभी से तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही साथ 102 की 2,200 एंबुलेंस इमरजेंसी के दौरान महिलाओं और बच्चों के लिए डेडिकेट की गई हैं। अभी भी उत्तर प्रदेश में कोविड-19 मरीजों के लिए 1,500 डेडिकेटेड एंबुलेंस तैनात की गई हैं।
350 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस : मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही अभी भी हमारे पास 350 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी हैं, जिनका उपयोग कोविड-19 के संक्रमण के दौर मे किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निगरानी समितियां भी काफी एक्टिव हैं। निगरानी समितियां गांवों में कोविड-19 लक्षणयुक्त या संदिग्ध संक्रमितों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराती हैं। ऐसे संक्रमित या फिर संदिग्धों की सूची इंट्रीगेटेड कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर को उपलब्ध कराई जाती है और फिर रैपिड रिस्पांस टीम संबंधित इलाकों में जाकर कोविड टेस्ट करती है।
ग्रामीण इलाकों के लिए व्यापक रणनीति : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने ग्रामीण इलाकों में संक्रमण से निपटने के लिए व्यापक रणनीति 02 मई से ही प्रारंभ कर दी थी। इसके लिए हर ग्राम पंचायत में निगरानी समितियां बनाई गई हैं। यह सभी स्क्रीनिंग समितियां 97,000 राजस्व गांवों को केंद्र में रखकर स्क्रीनिंग का काम कर रही हैं।
Swadesh Lucknow
Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you