फर्जी एंबुलेंस प्रकरण: मुख्तार अंसारी का बयान दर्ज करने के लिए पुलिस टीम बांदा रवाना

फर्जी एंबुलेंस प्रकरण: मुख्तार अंसारी का बयान दर्ज करने के लिए पुलिस टीम बांदा रवाना
वर्ष 2013 में पंजीकृत एंबुलेंस यूपी 41 एटी 7171 जिसे मुख्तार अंसारी पेशी पर जाने के लिए प्रयोग करता था। इस संबंध में एक अप्रैल को पुलिस ने मऊ के संजीवनी हास्पिटल की संचालिका डा. अलका राय पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया था।

लखनऊ: बांदा जेल में बंद मऊ के बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस प्रकरण में जल्द ही बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके लिए न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद विवेचक महेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में बाराबंकी पुलिस की टीम बांदा के लिए रवाना हो गई।

वर्ष 2013 में पंजीकृत एंबुलेंस यूपी 41 एटी 7171 जिसे मुख्तार अंसारी पेशी पर जाने के लिए प्रयोग करता था। इस संबंध में एक अप्रैल को पुलिस ने मऊ के संजीवनी हास्पिटल की संचालिका डा. अलका राय पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया था। तफ्तीश में मुख्तार अंसारी को साजिश का आरोपित बनाते हुए डॉ. अलका राय के सहयोगी डॉ. शेषनाथ राय, विधायक प्रतिनिधि मुजाहिद, शाहिद, आनंद यादव, राजनाथ यादव को भी मुकदमे में शामिल किया गया था।

प्रकरण में मुख्तार के गुर्गे राजनाथ यादव के बाद डॉ. अलका राय और डॉ. शेष नाथ राय को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। तफ्तीश में यह भी स्पष्ट हुआ है कि मुख्तार 2013 से ही एंबुलेंस को प्रयोग कर रहा है।

एंबुलेंस को फाइनेंस कराने में अहम भूमिका निभाने वाला शाहिद अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, जिसके कारण मुख्तार के नेटवर्क के तार पुलिस आगे नहीं जोड़ सकी। मुकदमे में 120 बी के आरोपित मुख्तार के बयान दर्ज करने के लिए पुलिस ने अदालत से अनुमति प्राप्त कर ली है। मुकदमे के विवेचक महेंद्र प्रताप सिंह बुधवार को मुख्तार के बयान दर्ज करने और एंबुलेंस के राज उगलवाने के लिए बांदा जेल रवाना हो गई। इससे विवेचना को अंजाम तक पहुंचाने की दिशा में विशेष मदद मिलेगी।

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