Home > राज्य > उत्तरप्रदेश > लखनऊ > सहायक अध्यापकों की भर्ती के प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, पर एक और मौका मिलेगा

सहायक अध्यापकों की भर्ती के प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, पर एक और मौका मिलेगा

सहायक अध्यापकों की भर्ती के प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, पर एक और मौका मिलेगा
X

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शिक्षा मित्र एसोसिएशन की याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के मौजूदा कट ऑफ को सही ठहराया है। हालांकि, सभी शिक्षा मित्रों को एक मौका और मिलेगा। न्यायमूर्ति यू यू ललित की बेंच ने फैसले में कहा कि शिक्षा मित्रों को अगली भर्ती परीक्षा में भाग लेने के लिए एक आखिरी मौका दिया जाएगा और उसके तौर-तरीकों को राज्य सरकार तय करेगी। इस मामले में कोर्ट ने 24 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

यूपी सरकार ने पिछले साल 7 जनवरी को अधिसूचना जारी करते हुए आरक्षित और अनारक्षित श्रेणियों के लिए कट-ऑफ अंक बढ़ाकर क्रमश: 65 और 60 कर दिया था। इसकी वजह से 32,629 शिक्षा मित्र अभ्यर्थी बाहर हो गए। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कट-ऑफ बढ़ाने के राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया था।

इसके बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की अपील पर 9 जून 2020 को शिक्षक भर्ती केस में सुनवाई करते हुए 69000 हजार पदों में से 37339 पदों को होल्ड करने का आदेश दिया था।

शिक्षामित्रों का कहना है कि जो भी योग्य शिक्षामित्र 45/40 से ज्यादा अंक हासिल करते हैं, उन्हे भारांक देकर नियुक्ति दी जाए, लेकिन सरकार ने 2019 की परीक्षा में कट-ऑफ अंक बढ़कर 65/60 कर दिए जिससे 32,629 शिक्षामित्र उम्मीदवार बाहर हो गए।

दरसअल, भारांक देने की बात सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में की थी, जब प्रदेश में लाखों शिक्षा मित्रों की सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति को अवैध मानकर निरस्त किया गया था। कोर्ट ने कहा था कि भविष्य में होने वाली भर्ती में इन शिक्षा मित्रों के अनुभव को देखते हुए सरकार अतिरिक्त भरांक देने पर विचार कर सकती है।

Updated : 12 Oct 2021 11:14 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top