कब्रिस्तानों में महंगाई की मार, कब्रों की गहराई के साथ-साथ मजदूरी में इजाफा
कब्र की खोदाई करने की मजदूरी 500 रुपये प्रति कब्र से बढ़ाकर 800 रुपये कर दी गई है। शहर में ऐशबाग, निशातगंज, तालिटोरा, माल एवेन्यू एवं आलमबाग समेत शहर के हर कब्रिस्तान में संक्रमण काल में संख्या बढ़ गई है।
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लखनऊ: कोरोना संक्रमण काल का असर शवदाह गृहों के बाद अब कब्रिस्तानों में भी दिखने लगा है। सामान्यत: साढ़े पांच फीट गहरी खोदी जाने वाली कब्रों की गहराई बढ़ाकर 10 फीट कर दी गई है। इसके पीछे मंशा है कि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।
डालीगंज स्थित कब्रिस्तान में सामान्य दिनों में एक दिन में एक शव आता है, लेकिन संक्रमण काल में यह संख्या छह गुना हो गई है। कब्रों की खोदाई करने वालों की संख्या सीमित होने की वजह से मजदूरी बढ़ानी पड़। यहां कब्र की खोदाई करने की मजदूरी 500 रुपये प्रति कब्र से बढ़ाकर 800 रुपये कर दी गई है। शहर में ऐशबाग, निशातगंज, तालिटोरा, माल एवेन्यू एवं आलमबाग समेत शहर के हर कब्रिस्तान में संक्रमण काल में संख्या बढ़ गई है।
डालीगंज के उस्मान भाई ने बताया कि इस महीने की बात करें तो एक से पांच तरीख तक मात्र छह शव आए थे और छह से 11 अप्रैल के बीच 38 शव आए हैं। संक्रमित शव यदि अस्पताल से आता है तो पता चलता है, लेकिन घर में इंतकाल होने पर जानकारी नही हो पाती। ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। कब्रिस्तान के उप सदर जावेद खान एवं सचिव मो. सुफियान के निर्देश पर 800 रुपये कब्र की खोदाई की नई दर लिख दी गई है। मनमानी को रोकने के लिए ऐसा किया गया है।
संक्रमित शव के लिए गहराई बढ़ाई गई :
कोरोना संक्रमित शव से संक्रमण को कम करने के लिए गहराई बढ़ाई गई है जिससे सामान्य शव की खोदाई के दौरान संक्रमण का खतरा न हो। आने वाले समय में किब्रिस्तानों में जगह को लेकर भी मारामारी होने वाली है।
Swadesh Lucknow
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