लखनऊ में दिखी किन्नर पूजन-भोज की 'गरिमामयी' परंपरा

लखनऊ। समाज में लिंग आधारित गैरबराबरी को ख़त्म करने के लिए पत्रकार एवं समाजसेवी गरिमा सिंह चंदेल ने अनोखी परंपरा का निर्वहन कर रही हैं। उन्होंने चार वर्ष पूर्व मातृ शक्ति पर्व नवरात्र में किन्नर पूजन और भोज की परंपरा शुरू की थी। तभी से वह इसका निर्वहन बड़ी सिद्दत के साथ कर रही हैं। इसी कड़ी में उन्होंने शारदीय नवरात्र की नवमी सोमवार को कन्या पूजन के साथ अर्धनारीश्वर के प्रतीक किन्नरों का भी विधि-विधान से पूजन किया।
शारदीय नवरात्र पर अलीगंज थाने के सामने स्थित भुइयन देवी पार्क में किन्नर पूजन कार्यक्रम किया गया। इस दौरान गरिमा सिंह ने अर्धनारीश्वर स्वरूप किन्नरों के पांव पखारे और विधि-विधान से पूजन किया। मंत्रोच्चार के बीच उनके माथे पर रोली, चंदन, दही, अक्षत और दूब (दूर्वा) का तिलक लगाया। माला पहनाकर, चुनरी ओढ़ाकर, उपहार एवं दक्षिणा प्रदान कर आशीर्वाद लिया। पूजन के बाद इन किन्नरों को मंदिर की रसोई में पकाया गया ताजा भोजन प्रसाद गरिमा ने अपने हाथों से परोसा। इन किन्नरों के पूजन कर आरती उतारी। श्रद्धापूर्वक भोजन करवाकर उपहार और दक्षिणा भी दी।
समाजसेवी गरिमा सिंह ने बताया कि किन्नरों को सदैव लोग हीन भावना से देखते हैं। वह भी समाज के अंग हैं। उन्हें भी बराबरी का सम्मान मिलना चाहिए। इस दौरान किन्नर प्रियंका सिंह रघुवंशी ने बताया कि हम भी समाज के बीच से ही आए हैं। हमें सिर्फ आमजन से सम्मान की ही चाहत है। उन्होंने कहा कि लगातार चौथी बार गरिमा सिंह ने किन्नरों के सम्मान में इस तरह का आयोजन किया है। गरिमा सिंह से सीख लेकर अन्य लोगों को भी किन्नर समाज को सम्मान की नज़रों से ही देखना चाहिए।
