लखनऊ में हुआ डिजिटल जनसंख्या घड़ी का लोकार्पण, हर मिनट मिलेंगे आबादी के ताजा आंकड़े

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में डिजिटल जनसंख्या घड़ी का लोकार्पण उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ब्रजेश पाठक ने किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश सर्वाधिक तेजी से विकास करने वाला प्रदेश है। उत्तर प्रदेश का परिदृश्य बदला है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या के लिए डिजिटल घड़ी सम्बल और ताकत है। जनसंख्या अनुमान के अनुसार संसाधनों का विकास करना है। अभी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में साढ़े तैतीस लाख करोड़ के एमओयू साइन हुए है, इन्हें धरातल पर उतरना है। देश का लगभग साठ प्रतिशत मोबाइल उत्तर प्रदेश में बनता है।
भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के महानिदेशक सांख्यकी कल सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की यह नई पहल है। इस घड़ी में भारत के साथ उत्तर प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या देखा जा सकता है। इसका दीर्घकालिक परिणाम होगा। सेंसस वर्क स्टेशन स्थापना से जनसंख्या अनुसंधान केंद्र मजबूत होगा। स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय एवं नीति आयोग को यह केंद्र डाटा उपलब्ध कराते हैं। पीआरसी लखनऊ को अहम जिम्मेदारी दी गई है। इस कार्यशाला से भविष्य में लाभ मिलेगा।
भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के उप महानिदेशक सांख्यकी अंजली रावत ने कहा कि देश भर में 18 पीआरसी है जो पापुलेशन और स्वास्थ्य सम्बन्धी क्षेत्र में कार्य करते हैं। नीति आयोग पीआरसी की मानीटरिंग करती है। प्रत्येक वर्ष हम सभी बैठक करके अध्ययन की नीति तय कर कार्य करते है, जिससे सामाजिक प्रासंगिकता बनी रहती है।अध्यक्षता करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार रॉय ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनसंख्या अनुसंधान केंद्र का डाटा विश्वविद्यालय सहित प्रदेश को लाभान्वित करता है। विश्वविद्यालय इन अध्ययनों का लाभ लेकर अपनी नितियों का निर्माण और उद्देश्यों को प्राप्त करते है। ऐसा मेकेनिज्म बनाया जाय जिससे सभी विश्वविद्यालय के शोधार्थी एवं शिक्षक इसका लाभ उठा सकें।
