ईमानदारी से कर्तव्यों का निर्वहन करें, भारत विश्व की सबसे बड़ी ताकत बनेगा
मुख्यमंत्री ने डॉ. वाईडी सिंह के स्मृति ग्रंथ का लोकार्पण और प्रतिमा का अनावरण किया
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बस्ती। डॉक्टर वाईडी सिंह का नाम बस्ती, गोरखपुर और पूर्वांचल के हर शख्स की जुबान पर लंबे समय तक बना रहेगा। इस धरती का सौभाग्य है कि उनका जन्म इस धरा पर हुआ था। बस्ती उनकी जन्मभूमि है व गोरखपुर उनकी कर्मस्थली रही। उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया व गोरखपुर मेडिकल कॉलेज को ऊंचाइयां दी।
एक संवदेनशील चिकित्सक के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश के लाखों बच्चों के जीवन को बचाने के लिए उनके स्तर पर किये गये प्रयास सराहनीय हैं। उस वक्त मेडिकल कॉलेज के लिए पैसा नहीं था। उन्होंने अपने पैसे से बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल विभाग को काफी बेहतरीन बनाया। जब वह बीआरडी के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष थे तब वह मेडिकल कॉलेज का सबसे अच्छा विभाग माना जाता था। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बस्ती के एडी अकादमी धर्मपुर, दुबौलिया बाजार में आयोजित स्व. डॉ. वाईडी सिंह की स्मृति ग्रन्थ लोकार्पण एवं प्रतिमा अनावरण पर कहीं।
व्यक्तित्व में झलकते थे पंच प्रण
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि डॉ. वाईडी सिंह ने बाल रोग विभाग के अध्यक्ष और फिर प्राचार्य के रूप मे लाखों बच्चों के जीवन में एक परिवर्तन किया। उन्हे जीने की नई राह दिखाई। वे एक अच्छे समाजसेवी भी थे। बीआरडी मेडिकल कॉलेज बंद होने पर वह अपने घर पर बच्चों को देखते थे। अपनी मातृ भूमि बस्ती में हर शनिवार और रविवार को फ्री में बच्चों का इलाज करते थे। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंच प्रण की बात की थी, जिनकी बहुत सी बातें डॉ. वाईडी के व्यक्तित्व में झलकती थीं। अगर देश का हर नागरिक ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे तो भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनने में देर नहीं लगेगी। इसके लिए हर नागरिक को अपने कार्य और जिम्मेदारी का संकल्प लेना होगा।
अपनी विरासत का सम्मान करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए हमें अपनी विरासत का सम्मान करना होगा। बिना भेदभाव-मजहब के अपने कर्तव्यों में लग जाएं। सरकार की योजनाएं बिना भेदभाव सबको मिलती हैं। हमे जाति और मजहब से ऊपर उठकर देश और उसे विकसित राष्ट्र बनाने के बारे में सोचना है। अगर हर नागरिक अपने-अपने कर्तव्यों का पालन करने लग जाए तो विकसित राष्ट्र बनने में देश को देर नहीं लगेगी। यह सभी विशेषताएं डॉ. वाईडी सिंह के व्यक्तित्व में झलकती थीं।
महर्षि वशिष्ठ के नाम मेडिकल कॉलेज का नामकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि वशिष्ठ ने यहीं से रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प लिया था। उसके माध्यम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम बने थे इसलिए यहां पर डबल इंजन की सरकार ने महर्षि वशिष्ठ के नाम पर ही मेडिकल कॉलेज का नामकरण किया और वह वर्तमान में क्रियाशील है।
स्वदेश डेस्क
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