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बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने की यूपी के कोविड प्रबंधन की सराहना

कृषि और एसएचजी की बेहतरी के लिए सरकार को तकनीकी सहयोग देने का प्रस्ताव

बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने की यूपी के कोविड प्रबंधन की सराहना
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लखनऊ। प्रतिष्ठित वैश्विक एनजीओ बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) ने उत्तर प्रदेश के कोविड प्रबंधन को दुनिया के लिए नजीर बताया है। गुरुवार को बीएमजीएफ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री आवास पर सीएम योगी आदित्यनाथ से भेंट की तथा उत्तर प्रदेश सरकार के साथ स्वास्थ्य, पोषण और कृषि के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग को और बढ़ाने पर चर्चा की। इस मौके पर बीएमजीएफ के सीईओ मार्क्स सुजमैन ने कहा कि वह बहुत सारे देशों में कार्य करते हैं। सभी देशों के कोविड प्रबंधन को देखा है और यह कहना उचित होगा कि भारत खासकर उत्तर प्रदेश का कोविड प्रबंधन अमेरिका के कोविड मैनेजमेंट से कहीं बेहतर रहा। यूपी की सघन जनसंख्या घनत्व और विविध सामाजिक चुनौतियों का सामना यहां के नेतृत्व ने जिस प्रकार किया वह अत्यन्त सराहनीय है। मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र और स्वयं सहायता समूहों की बेहतरी के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई।

इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन का सराहनीय योगदान रहा है। प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं को जनता तक पहुंचाने और प्रभावी बनाने में बीएमजीएफ का सदैव सहयोग मिलता है। हाल के वर्षों में कृषि क्षेत्र में भी बीएलजीएफ की ओर से टेक्निकल सपोर्ट मिल रहा है। हाल ही में आए एनएफएचएस-5 के नतीजे बताते हैं कि स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। कई मानकों पर तो हमारा प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। इस कार्य में भी हमें बीएमजीएफ का सहयोग मिला है। यही नहीं, कोविड के दौरान उत्तर प्रदेश में फाउंडेशन का सहयोग मिला है। टेस्टिंग किट उपलब्ध कराना हो, या नोएडा, गोंडा और प्रयागराज में डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल तैयार करना हो, हर समय बीएमजीएफ का रचनात्मक सहयोग मिला है। हम इसके लिए फाउंडेशन के प्रति आभारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। 40 साल से मासूम बच्चों के असमय काल कवलित होने कक कारण बनी रही इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से मृत्यु को 95% तक नियंत्रित कर लिया गया है। हालांकि स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है। उन्होंने बताया कि हम एक जिला एक उत्पाद योजना की तर्ज पर एक जिला एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर रहे हैं। इससे चिकित्सकों की उपलब्धता तो पर्याप्त हो जाएगी, लेकिन हमारे पास दक्ष नर्सिंग/पैरामेडिक्स की उपलब्धता बड़ी चुनौती है। योग्य, और कुशल, प्रोफेशनल नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिक्स तैयार करने के लिए फाउंडेशन हमें सहयोग कर सकता है। इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बढ़ाया जाना चाहिए।

कृषि में विकास की असीम संभावनाएं: मुख्यमंत्री

कृषि क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देते हुए सीएम ने कहा कि यहां विकास की असीम संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश को प्रचुर जल संसाधन और उर्वर भूमि के रूप में प्रकृति से उपहार प्राप्त हुआ है। बीते 05 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में तक तकनीकी समावेश, कृषि विविधीकरण को प्रोत्साहित किया है। हमारे कृषि विश्वविद्यालय क्षमता साधन संपन्न हैं। कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की गई है। ऐसे में किसानों को तकनीक से जोड़ने, प्रशिक्षित करने तथा कृषि क्षेत्र में विभिन्न शोध कार्यों, नवाचारों के लिए बीएमजीएफ के वैश्विक अनुभव हमारे लिए उपयोगी होंगे। उन्होंने बताया कि इंसेफेलाइटिस सहित विभिन्न जल जनित बीमारियों, कोविड प्रबंधन सहित लोक स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमें यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और पाथ जैसी वैश्विक संस्थाओं से अच्छा सहयोग प्राप्त हुआ है। परस्पर सहयोग से आगे भी ऐसे प्रयास किये जाते रहेंगे। प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों की गतिविधि की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूह को और मजबूत बनाने में बीएलजीएफ राज्य सरकार का सहयोग कर सकता है। बीएमजीएफ के वैश्विक व्यवहारिक अनुभव और तकनीकी ज्ञान हमें स्वयं सहायता समूहों को और प्रभावी बनाने में उपयोगी सिद्ध होगा। प्रतिनिधिमंडल में बीएमजीएफ के सीईओ मार्क्स सुजमैन और कंट्री डायरेक्टर सहित अन्य गणमान्य जन शामिल रहे।

Updated : 9 Jun 2022 2:20 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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