अयोध्या: गोसाईंगंज सीट पर सपा की राह आसान कर रही है बसपा!
सन 2012 के पहले चुनाव में समाजवादी पार्टी से बाहुबली अभय सिंह ना सिर्फ चुनाव जीते बल्कि 122273 वोट पाकर इतिहास रच दिया।
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अयोध्या(ओम प्रकाश सिंह)। विधानसभा के चुनाव में इस बार भी जनपद की सबसे चर्चित सीट गोसाईगंज विधानसभा है। भाजपा व सपा दोनों ने अपने बाहुबलियों को फिर मैदान में उतारा है। इसके चलते लोगों को सर्दी में भी गर्मी का एहसास हो रहा है।चुनाव में जातीय आंकड़े हैं तो आंसुओं का सैलाब भी। कांग्रेस के अलावा सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।
दस वर्ष पूर्व जन्मी गोसाईगंज विधानसभा में पिछड़ों व दलितों का बाहुल्य है। सन 2012 के पहले चुनाव में समाजवादी पार्टी से बाहुबली अभय सिंह ना सिर्फ चुनाव जीते बल्कि 122273 वोट पाकर इतिहास रच दिया। 2017 के चुनाव में भाजपा के बाहुबली खब्बू तिवारी लगभग ग्यारह हजार वोटों से चुनाव जीते तो अभय सिंह हारकर भी लगभग अस्सी हजार वोट झटकने में कामयाब रहे। पहले चुनाव में खब्बू तिवारी बसपा के उम्मीदवार थे तो दूसरे चुनाव में भाजपा और अपना दल गठबंधन के।
इस चुनाव में भी मुकाबला सपा और भाजपा के इन्हीं दोनों बाहुबलियों के बीच में ही है। बसपा ने लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने के लिए धनाड्य राम सागर वर्मा को चुनाव मैदान में उतार कर कुर्मी कार्ड खेला है। अपना दल से गठबंधन होने के नाते पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को कुर्मी बिरादरी का लाभ मिला था लेकिन इस बार बसपा के दांव से भाजपा गठबंधन चित्त नजर आ रहा जिससे सपा की राह और आसान बन रही है। कांग्रेस उम्मीदवार नहीं खोज पाई है तो आप पार्टी से आलोक द्विवेदी ताल ठोंक रहे हैं जो जातीय आंकड़े में भाजपा को नुकसान पहुंचा रहे।
भाजपा प्रत्याशी आरती तिवारी के पति खब्बू तिवारी फर्जी मार्कशीट के मामले में जेल में हैंं। सजा हो जाने के कारण उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। आरती तिवारी का कहना है कि यह विरोधियों की साजिश है जबकि यह एक सामान्य न्यायिक प्रक्रिया हैं। हां इतना जरुर है कि इसी मामले में दो अन्य अभियुक्तों की जमानत हो गई है और खब्बू तिवारी अभी जेल में हैं। इसी को आधार बनाकर भाजपा प्रत्याशी आंसुओं के साथ आंचल फैला कर सुहाग के लिए वोट मांग रही हैं।
इमोशनल प्रचार में प्रत्याशी बाहुबली अभय सिंह की पत्नी डॉ सरिता सिंह भी पीछे नहीं हैं। उनका कहना है कि भाजपा प्रत्याशी हमारे पति पर नाहक ही इल्जाम लगा रही हैं। यह चुनाव गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र की जनता के उत्थान और विकास का है। सपा प्रत्याशी अभय सिंह को मिल रहे व्यापक जनसमर्थन से घबराकर भाजपा प्रत्याशी आंसू बहाने का स्वांग रच रही हैं। पिछले चुनाव में हार के बावजूद सपा प्रत्याशी के पिता भगवान बख्श सिंह की क्षेत्र में सक्रियता का लाभ सपा को मिलता दिखाई पड़ रहा है।
जातिगत आधार पर देखें तो विधानसभा में कुर्मी लगभग 45000, दलित 75000, क्षत्रिय 30000, निषाद 45000, मुसलमान 30000, यादव 45000, ब्राह्मण 60000 व अति पिछड़ी जातियां लगभग 45000 हैं। क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या कम होने के बावजूद सपा उम्मीदवार अभय सिंह को 122000 वोट मिलना मतदाताओं के रूख को स्पष्ट करता है। क्षेत्र में मंदिर मस्जिद मुद्दा गायब है। मंहगाई, बेरोजगारी के साथ कौन अपना है, इस पर चुनाव केंद्रित है। अतिसंवेदनशील विधानसभा का नेतृत्व कौन करेगा, यह तो दस मार्च को ही घोषित होगा लेकिन यह तय है कि जनता का रुझान बाहुबली चुनने में है।
Swadesh Lucknow
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