ध्वजारोहण समारोह लिखेगा रामनगरी अयोध्या के विकास की महागाथा

श्रीराम मंदिर बनने से कारीगरों के हाथों को काम, कला को मिल रहा सम्मान
अयोध्या केवल परंपरा की प्रहरी नहीं, बल्कि भविष्य के विकास की ध्वजवाहक भी बन चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्पण और दूरदृष्टि का परिणाम है कि राम मंदिर निर्माण के बाद यह शहर सिर्फ धार्मिक प्रतीक न रहकर आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पुनर्जागरण का केंद्र बन गया है। परिवर्तन की इस यात्रा में अयोध्या का ध्वजारोहण समारोह ऐसा उत्सव बनकर उभर रहा है, जो विकास की पूरी दास्तान को अपने भीतर समेटे हुए है। यह समारोह सिर्फ आस्था का पर्व नहीं, बल्कि ऐसा आयोजन है जिसने युवाओं, उद्योगों, कारीगरों और आम नागरिकों के लिए नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं।
ध्वजारोहण उत्सव से अयोध्या की अर्थव्यवस्था में वृद्धि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या अब केवल एक तीर्थस्थल न होकर विकास की प्रयोगशाला में बदल चुका है। यहाँ का ऐतिहासिक विकास युवाओं की जिंदगी में नई रोशनी, स्थानीय उद्योगों में नई ऊर्जा और परंपरागत कला में नई दिशा लेकर आया है।अयोध्या में 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे। इस विशेष कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की संभावना है।
युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर
ध्वजारोहण समारोह से पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियाँ नई ऊँचाइयों को छुएंगी। जब लाखों श्रद्धालु शहर की ओर आते हैं, तो शहर की अर्थव्यवस्था भी उतनी ही तेजी से आगे बढ़ती है। होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसियाँ, सुरक्षा सेवाएँ, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियाँ और स्थानीय दुकानों के लिए व्यापक लाभ के अवसर बनेंगे।उत्तर प्रदेश में अयोध्या–वाराणसी–प्रयागराज जैसे धार्मिक केंद्रों में पर्यटन में उल्लेखनीय उछाल आया है। 2017 से अब तक इस क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में 361% से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। पर्यटन सेक्टर आने वाले वर्षों में 70,000 करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान है।
विकास परियोजनाएं अयोध्या को नई ऊँचाइयों पर लेकर जा रहीं
‘राम वन गमन पथ’ का निर्माण 4,403 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है।ग्रीनफील्ड टाउनशिप प्रोजेक्ट 2,182 करोड़ रुपये में विकसित किया जा रहा है।शहर की जनसंख्या और भूमि उपयोग की योजना भी स्पष्ट है। वर्तमान में अयोध्या की आबादी लगभग 11 लाख है, जो 2031 तक 24 लाख और 2047 तक 35 लाख पहुँचने का अनुमान है।इन विकास परियोजनाओं का सीधा लाभ युवाओं को मिल रहा है और उनके लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। होटल, रेस्टोरेंट, टूर और ट्रैवल्स, स्थानीय उत्पादों, तथा ओडीओपी के तहत गुड़ के व्यवसाय सहित अनेक क्षेत्रों में तेजी से वृद्धि देखने को मिलेगी। अनुमान है कि इस अवधि में अयोध्या में कई करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
