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नेपाल की शिला से बनेगी रामलला की मूर्ति, जानिए आखिर क्यों चुना गया 6 करोड़ साल पुराना पत्थर

नेपाल की शिला से बनेगी रामलला की मूर्ति, जानिए आखिर क्यों चुना गया 6 करोड़ साल पुराना पत्थर
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अयोध्या। अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के मुख्य गर्भगृह में नेपाल की पवित्र नदी कालीगण्डकी से आए शिलाओं से भगवान राम की बाल रूप मूर्ति का निर्माण किया जाएगा। नेपाल के गण्डकी प्रदेश सरकार की ओर से आज अयोध्या ले जाने वाली शिला जनकपुर के जानकी मंदिर को हस्तान्तरण कर दिया जाएगा। यहां से अयोध्या के लिए रवाना होगी।

गण्डकी प्रदेश के मुख्यमंत्री खगराज अधिकारी पोखरा के विंध्यवासिनी मंदिर में शिला को सौंपेंगे। कालीगण्डकी से 23 टन और 15 टन के दो शिलाऐं भेजी जाने वाली हैं। गण्डकी राज्य सरकार के आवश्यक प्रबंध के तहत देवशिला को जनकपुर लाने का कार्यक्रम है। जनकपुर से अयोध्या भेजने की व्यवस्था भी नेपाल ही करेगा। राम मंदिर के गर्भगृह में नेपाल द्वारा भेजे गए शिला से भगवान श्रीराम के बाल रूप में प्रतिमा बनने जा रही है। राम मंदिर की मूल छवि नेपाल के देवशिला की होगी। जानकारों का मानना ​​है कि इससे कालीगण्डकी क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध और भी मजबूत होंगे।




'कालीगण्डकी की देवशिला को जनकपुरधाम ले जाने के बाद, हम इसे जुलूस के साथ अयोध्या भेजेंगे' जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास के उत्तराधिकारी राम रोशन दास ने काठमाण्डू से प्रकाशित राष्ट्रिय दैनिक नया पत्रिका को बताया। उनके मुताबिक अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जानकी मंदिर के महंत से कालीगण्डकी की शिला उपलब्ध कराने के कार्य में समन्वय का अनुरोध किया था।

शिला की खासियत -

यह शिला शालिग्राम का भाग जिसकी उम्र करीब 6 करोड़ साल है। इन शालीग्राम पत्थरों की पूजा भगवान विष्णु के रूप में की जाती है। यही वजह है कि इसे देवशिला के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस शिला को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। इसीलिए इन शिलाओं का भगवान राम की प्रतिमा बनाने के लिए चयन किया गया है।

नौ माह का समय लगेगा -

विश्व हिंदू परिषद नेपाल के महामंत्री जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अयोध्या में राम की मूर्ति तैयार करने में नौ महीने का समय लगेगा. पूर्व उप प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता निधि ने बताया "अयोध्या में बनने वाले श्री राम मंदिर के गर्भगृह में नेपाल स्थित कालीगण्डकी से ली गई शिला से तराशी गई मूर्ति रखने का महत्व हमेशा रहेगा। इस कार्य को करने का सौभाग्य प्राप्त करने पर गर्व है। इससे नेपाल और भारत के बीच सदियों से चले आ रहे सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे।"

भारत नेपाल के संबंध प्रगाढ़ होंगे -

यूएमएल के केंद्रीय सदस्य और विदेश मामलों के विभागीय उप प्रमुख कृष्ण बहादुर केसी ने कहा "मुक्तिनाथ उद्गम स्थल से निकली कालीगण्डकी नदी की शिला अपने आप में पवित्र है। अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में पवित्र कालीगण्डकी नदी का पत्थर रखने का मतलब न केवल नेपाल और भारत के सांस्कृतिक संबंधों का विषय है, बल्कि हम कालीगण्डकी के तटीय क्षेत्र के निवासियों के लिए भी गर्व का विषय है।

70 एकड़ जमीन पर निर्माण -

राम मंदिर का निर्माण मार्च 2020 से चल रहा है। राम मंदिर 70 एकड़ जमीन पर बन रहा है, जिसकी लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट और ऊंचाई 161 फीट होगी। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट में कहा गया है कि मंदिर में पांच मंडप और बीच में एक गर्भगृह होगा। गर्भगृह भूतल पर होगा, जबकि प्रथम तल पर राम दरबार का निर्माण किया जा रहा है।


Updated : 4 Feb 2023 7:53 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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