श्रीराम की नगरी में 'राम भरोसे' अस्पताल!: राजकीय श्री राम चिकित्सालय बना उपेक्षा का शिकार…

राजकीय श्री राम चिकित्सालय बना उपेक्षा का शिकार…
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प्रसूति गृह बना दवा वितरण केंद्र, आईसीयू पर ताले और मरीज बेबस, गजब का अस्पताल जहां हृदय, कैंसर, आंख, आदि का कोई इलाज नहीं...

समीर शाही, अयोध्या। अयोध्या को धार्मिक और पर्यटन की वैश्विक राजधानी बनाने के तमाम सरकारी दावों के बीच यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल और उपेक्षित है। श्रीराम मंदिर के नाम पर विश्व पटल पर चमक रही अयोध्या नगरी का एकमात्र राजकीय चिकित्सालय श्री राम अस्पताल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। वर्षों से खाली पड़े चिकित्सक पद, आईसीयू भवन पर लटकते ताले, खराब अल्ट्रासाउंड मशीन, और महिला प्रसव गृह जो कभी शुरू ही नहीं हुआ ये सब एक भयावह सच्चाई बयान करते हैं।

स्वर्गीय लालजी भाई सत्यस्नेही द्वारा 30 वर्ष पूर्व बनवाया गया अत्याधुनिक संसाधनों से युक्त प्रसूति गृह आज सिर्फ एक ‘दवा वितरण केंद्र’ बनकर रह गया है, जहां आज तक एक भी महिला डॉक्टर या स्टाफ की तैनाती नहीं हो सकी। इसी तरह, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में बनी आईसीयू बिल्डिंग सिर्फ तालों और जालों से सजी है।

यहां गंभीर बीमारियों – हृदय, कैंसर, आंख, आदि का कोई इलाज नहीं है। दिव्यांगों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए बने अलग काउंटर भी ‘दिखावे’ की भेंट चढ़ चुके हैं। वाहन पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं, शौचालय-मूत्रालय गंदगी से बजबजाते हैं, और प्रशासनिक निरीक्षण सिर्फ ‘औपचारिकता’ बनकर रह गया है। अयोध्या के श्रद्धालु और नागरिक अब पूछ रहे हैं। क्या श्री राम के नाम पर सिर्फ मंदिर बनना ही विकास है? क्या स्वास्थ्य सेवाएं रामराज्य का हिस्सा नहीं होनी चाहिए?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस चिकित्सालय का उसी गंभीरता से निरीक्षण करना चाहिए जैसे उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि के निर्माण का संकल्प लिया था। क्योंकि अगर ‘राम राज्य’ का सपना पूरा करना है, तो ‘राम अस्पताल’ को भी संवारा जाना होगा।

- "30 साल से तैनाती का इंतजार कर रहा प्रसूति गृह!"

- "एक साल से बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड मशीन!"

- "आईसीयू बिल्डिंग में ताले और धूल के सिवा कुछ नहीं!"

-"रामराज्य में स्वास्थ्य भगवान भरोसे!"

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