माता पिता के साथ मनाया शिक्षक दिवस
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एत्मादपुर। अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण महासांस्था के उतर प्रदेश अध्यक्ष राहुल लावनियां ने बताया की बच्चे के प्रथम गुरू माता पिता होते हैं जिसने हमे प्रथम चरण का ज्ञान प्राप्त होता है। शिक्षक दिवस की शुरुआत और इसके इतिहास के बारे में बात करें तो द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में हुआ था। उन्हीं के सम्मान में इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. राधाकृष्णन देश के द्वितीय राष्ट्रपति थे और उन्हें भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद्, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक के तौर पर याद किया जाता है। पूरे देश को अपनी विद्वता से अभिभूत करने वाले डा. राधाकृष्णन को भारत सरकार ने सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। इस मौके पर चन्द्र प्रकाश लवानिया ,गायत्री देवी, राहुल लवानिया, अभिषेक ठाकुर, बृजेश कुमार, गौरव कुमार, सनी कुशवाह, सागर शर्मा, सचिन ठाकुर, नंदिनी शर्मा ,अंजलि सिकरवार, देव ठाकुर उर्फ भूरा, सोनम सिकरवार, कृष्ण ठाकुर, उपस्थित रहे।
स्वदेश आगरा
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