भारतीय समाज के आभूषण हैं 'लोकगीत'-भवानी सिंह
-'ब्रजलोक स्वरांजलि' चैनल का लोकार्पण
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आगरा। परंपराओं को कैसे जीवित रखें, इसके प्रयास निरंतर जारी रहने चाहिए। परंपराओं को जीवंत बनाने रखने का माध्यम हमारे ग्रामीण अंचलों में फैली हमारी लोक विधा और लोक गायकी है। लोकगीत हमारे संस्कारों की पहचान है और इनका विलुप्त होना हमारी मान्यताओं का विलुप्त होना है। यह कहना था भाजपा के ब्रज व कानपुर क्षेत्र के संगठनमंत्री भवानी सिंह का। वह मातृमंडल सेवा भारती द्वारा प्रारंभ किए गए ब्रजलोक स्वरांजलि यू-ट्यूब चैनल के लोकर्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
भवानी सिंह ने कहा कि भारत को भारत की पहचान दिलाने में लोकगीतों बड़ा योगदान है। जैसे गगन की तुलता गगन से होती है, वैसे ही लोकगीतों की तुलना लोकविधा से होती है। उन्होंने कहा कि दीप नहीं जीवन जलते हैं। इसलिए लोकसंस्कृति पर निरंतर कार्य चलते रहें। कार्यक्रम में ब्रजलोक स्वरांजलि चैनल में लोकगीतों को अपनी आवाज देने वाली मातृमंडल सेवा भारती की क्षेत्रीय बौद्धिक प्रमुख रीना सिंह ने कहा इस चैनल में हर त्यौहार के गीतों को अपलोड किया जाएगा व नई प्रतिभाओं को मंच भी प्रदान किया जाएगा। चैनल के निर्माता व संकलन कर्ता सुप्रसिद्ध भजन गायन पं. मनीष शर्मा ने कहा कि ग्रामीण अंचलों में नई प्रतिभाओं की तलाश कर उन्हें लोकगीतों का संकलन किया जाएगा। कार्यक्रम की भूमिका मातृमंडल की संरक्षिका डाॅ. रेनुका डंग व धन्यवाद प्रांत अध्यक्ष निर्मला सिंह ने दिया। कार्यक्रम का संचालन सुप्रिया जैन ने किया व करन बत्रा का सहयोग रहा।
स्वदेश आगरा
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