नए साल पर महाकाल मंदिर 5 लाख रुद्राक्ष व 11 हजार डमरू से सजेगा

उज्जैनः नए वर्ष के स्वागत में ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल लोक इस बार विशेष और अनोखे सजावट में नजर आएंगे। हर वर्ष की तरह पुष्प और विद्युत सज्जा के साथ-साथ इस बार पहली बार भगवान शंकर के प्रिय डमरू और रुद्राक्ष से भव्य सजावट की जा रही है। यह कार्य श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के दिशा-निर्देशों, मर्यादा और सुरक्षा मानकों के अनुसार किया जा रहा है।
नई थीम के तहत वडोदरा स्थित डमरू फाउंडेशन की टीम मंदिर परिसर और महाकाल लोक को करीब पांच लाख रुद्राक्ष और 11 हजार डमरू से सजा रही है। रुद्राक्ष और डमरू से मंदिर के पिलर्स, नंदी द्वार, शिखर, मानसरोवर प्रवेश द्वार सहित पूरे परिसर को सजाया जा रहा है। इसके लिए वडोदरा से 108 सदस्यों की टीम उज्जैन पहुंची है और सजावट का कार्य शुरू हो चुका है, जिसे 31 दिसंबर की रात 12 बजे तक पूरा कर लिया जाएगा।
भक्तों की भीड़ देख बदले प्रोटोकॉल
नए साल के पहले दिन रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पहुंचने की संभावना को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। मंदिर में सभी प्रकार के प्रोटोकॉल बंद कर दिए गए हैं। भस्म आरती का मार्ग बदला गया है और चलित भस्म आरती की शुरुआत की गई है, जिसका लाभ श्रद्धालु सुबह 5.15 बजे से ले सकेंगे।
इस बार भी भव्य संख्या में पहुंच रहे भक्त
महाकाल मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि हर साल की तरह इस वर्ष भी भव्य सजावट की जा रही है। लेकिन, इस बार विद्युत और फूलों के साथ डमरू और रुद्राक्ष की सजावट विशेष आकर्षण होगी। वहीं डमरू फाउंडेशन के सदस्य विभूल पटेल ने बताया कि फाउंडेशन का संकल्प देश के 12 ज्योतिर्लिंगों को इसी प्रकार सजाने का है। पिछले वर्ष केदारनाथ और इस वर्ष महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को सजाया जा रहा है, जिसे वे बाबा महाकाल को अपनी श्रद्धा का चढ़ावा मानते हैं।
