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भक्तों की डिमांड पर मंदिर की जगह बना अस्पताल, ग्रहमंत्री शाह ने किया उद्घाटन

आश्रम के संत स्वामी आनंद जीवनदास महाराज ने बताया कि अस्पताल में मरीजों का न्यूनतम दरों पर उपचार किया जाएगा।

भक्तों की डिमांड पर मंदिर की जगह बना अस्पताल, ग्रहमंत्री शाह ने किया उद्घाटन
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उज्जैन। उज्जैन शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर ग्राम हासामपुरा में स्वामी नारायण आश्रम द्वारा लोगों की मांग पर मंदिर की जगह आंखों का अस्पताल बनवाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली से इसका वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित भी किया।


गृह मंत्री शाह ने कहा कि उज्जैन धाम करोड़ों भक्तों की आस्था का केन्द्र है। भगवान महाकाल का मंदिर वेदों के समय से ही देश की कालगणना में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उज्जैन में श्री महाकाल लोक का निर्माण भी उज्जैन की भव्यता को नई गति दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज स्वामी नारायण संस्थान विशाल वटवृक्ष बनकर भारत में ध्रुव तारे की भांति विद्यमान है। स्वामी नारायण ने विश्व कल्याण के लिए अनेकों कार्य किए। शिक्षा और व्यसन मुक्ति के क्षेत्र में स्वामी नारायण संस्थान अभूतपूर्व कार्य कर रहा है।

न्यूनतम दरों पर उपचार

आश्रम के संत स्वामी आनंद जीवनदास महाराज ने बताया कि अस्पताल में मरीजों का न्यूनतम दरों पर उपचार किया जाएगा। श्री स्वामी नारायण आश्रम के श्री लक्ष्मीनारायण देव मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन द्वारा चैरिटेबल शिवज्ञान मोतीलाल आई अस्पताल का निर्माण हासामपुरा में करवाया है। अस्पताल शुरू होने से उज्जैन तथा आसपास के लोगों को इलाज करवाने के लिए काफी सुविधा होगी। अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। इस 50 बिस्तर के अस्पताल में दो मोड्यूलर सहित तीन आपरेशन थियेटर, लिफ्ट, लैब, कैंटिन, मेडिकल, पार्किंग, चिकित्सक व सहयोगी स्टाफ के लिए रूम की सुविधा है। विशेषज्ञ चिकित्सक अस्पताल में सेवाएं देंगे।

पहले बना रहे थे मंदिर, भक्तों की सलाह पर बना अस्पताल

उन्होंने बताया कि स्वामीनारायण संप्रदाय वडताल के संतों ने सिंहस्थ 2016 में उज्जैन में शिविर लगाया था। सिंहस्थ के बाद ही संतों ने उज्जैन में भव्य मंदिर बनाने का निर्णय लिया था, लेकिन भक्तों से पता चला कि उज्जैन में अस्पताल की जरूरत ज्यादा है। इसके बाद टीम से सर्वे करवाया गया था। इसमें पता चला है कि उज्जैन में आंखों के उपचार के लिए अस्पताल की अधिक जरूरत है। इसके बाद संप्रदाय ने इस अस्पताल को बनवाने का निर्णय लिया।

Updated : 30 Jan 2023 1:54 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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