World No Tobacco Day 2025: आज है विश्व तंबाकू निषेध दिवस, जानिए कब हुई थी इसे मनाने की शुरूआत? महत्व और इस साल की थीम

तंबाकू का सेवन जानलेवा है, यह जानते हुए भी बड़ी संख्या में लोग किसी ना किसी रूप में इसका सेवन कर रहे हैं। इससे सामाजिक, शरीरिक और आर्थिक स्तर पर नुकसान होता है। इसीलिए धूम्रपान और तंबाकू के सेवन को खुशहाल जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन बताया गया है। लोगों को तंबाकू के सेवन से रोकने और उसके खतरों के बारे में जागरूक करने हेतु हर साल 31मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। हर साल इस दिवस की एक विशेष थीम भी रखी जाती है। आइए जानते हैं इस दिवस के इतिहास, महत्व और इस साल के थीम के बारे में…
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 की थीम
विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने इस साल यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 की थीम अनमास्किंग द अपील: तम्बाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति को उजागर करना” (Unmasking the Appeal of tobacco products) है।
विश्व तंबाकू दिवस का इतिहास
पहला विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31मई 1987 को मनाया गया अगले ही वर्ष वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली ने विश्व धूम्रपान निषेध दिवस के लिए एक औपचारिक प्रस्ताव पारित किया जिसमें हर साल 31 मई को यह दिवस मनाने का आह्वान किया गया इस दिन तमाम कार्यक्रमों के जरिए लोगों को तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाता है।
भारत में तंबाकू निषेध के लिए उपाय
आपको बता दें कि भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर पाबंदी है और आर्थिक मामलों की संसदीय समिति भी राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को मंजूरी दे चुकी है। इसका मकसद तंबाकू नियंत्रण कानून को प्रभावी बनाना और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करना है।
तंबाकू निषेध दिवस का क्या है महत्व?
हम सभी तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान को जानते हैं इसके बावजूद हर साल दुनिया में 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तंबाकू के कारण होती है। तंबाकू और उससे बने पदार्थों के सेवन से कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों संबंधित बीमारियां आदि के खतरे बढ़ जाते हैं। इसी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
