Who is Saurabh Mukherjea: कौन है सौरभ मुखर्जी? जिन्होंने भारत के वेतनभोगी कर्मचारियों को दी चौंकाने वाली चेतावनी

Who is Saurabh Mukherjea: मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के फाउंडर और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) सौरभ मुखर्जी ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। जिसके बाद पूरे भारत में वो चर्चा का विषय बन गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पारंपरिक नौकरी का सिलसिला खत्म हो रहा है। इसलिए देश के मध्यम वर्ग को नौकरी की सुरक्षा वाले भ्रम से बाहर निकलना होगा और उद्यमिता की ओर आगे बढ़ना होगा।
AI ले रहा वेतनभोगी कर्मचारियों की जगह
हाल ही में 'बियॉन्ड द पेचेक: इंडियाज एंटरप्रेन्योरियल रीबर्थ' नामक एक पॉडकास्ट में मुखर्जी ने कहा कि मौजूदा दशक में वेतनभोगी मेहनती लोगों की जगह रोजगार के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ले रहा है। उन्होंने कहा कि Google जैसी कंपनियां पहले ही 30% से ज्यादा कोड AI से बनवा रही हैं। बैंकिंग, आईटी, मीडिया और फाइनेंस जैसे सेक्टरों में इंसानी भूमिकाएं सिकुड़ रही हैं।
कौन है सौरभ मुखर्जी?
सौरभ मुखर्जी एक प्रसिद्ध भारतीय निवेश पेशेवर और प्रसिद्ध लेखक हैं। उन्होंने अर्थशास्त्र में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से प्रथम श्रेणी से स्नातक किया और फिर एमएससी की पढ़ाई की है। सौरभ मुखर्जी को भारत के शीर्ष इक्विटी रणनीतिकार में से एक माना जाता है और उन्होंने निवेश और वित्त के क्षेत्र में कई किताबें लिखी हैं। उन्हें एक्सेल सर्वे द्वारा 2007 में यूके के शीर्ष स्मॉल कैप विश्लेषकों में से एक जैसे और कई अन्य सम्मानों से नवाजा गया है।
JAM Trinity को सराहा
हाल में अपने एक पॉडकास्ट में उन्होंने भारत के चल रहे जनधन, आधार और मोबाइल (JAM) की तिकड़ी को सराहा और इसे माइक्रो-उद्यमिता का बेस बताया। उन्होंने कहा कि मोबाइल और इंटरनेट ने बाजार और स्किल्स को डेमोक्रेटाइज कर दिया है। वहीं, UPI और जनधन ने डिजिटल लेन-देन को आसान बनाया। सबसे अच्छी बात आधार ने भरोसे की डिजिटल पहचान दी।
यानी अब भारत के पास टेक्नोलॉजी, फाइनेंस और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर सब है। बस अब जरूरत है सिर्फ मानसिकता बदलने की। इसे चेतावनी नहीं बल्कि एक अवसर के रूप में लेना चाहिए।
