आरएसएस फोबिया से ग्रस्त हैं राहुल गांधी: "संघ पर प्रतिबंध की बात बेकार, देश से माफ़ी मांगे कांग्रेस" - बी एल वर्मा…

अनीता चौधरी, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी स्थापना की शताब्दी मनाने जा रहा है, लेकिन इस ऐतिहासिक मौके पर भी काँग्रेस की सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे के ताजा बयान ने विवाद को और हवा दे दी है।
प्रियांक ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो संघ पर प्रतिबंध लगाएगी। इस बयान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री वीएल वर्मा ने पलटवार करते हुए काँग्रेस और राहुल गांधी को नसीहत दी है कि राष्ट्रप्रेम और संस्कार की शिक्षा के लिए उन्हें संघ की शाखा में जरूर जाना चाहिए ।
स्वदेश के साथ खास बातचीत में बी.एल वर्मा ने कहा, "संघ राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत संगठन है, जो अनुशासित ढंग से देशहित में काम करता है। प्रियांक खड़गे को पहले संघ की शाखा में जाकर देखना चाहिए कि वहां होता क्या है।" केंद्रीय मंत्री वर्मा ने काँग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, "प्रियांक चिंता न करें, उनके सामने कांग्रेस सत्ता में आने वाली नहीं है।" अपनी बात चीत में उन्होंने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी के शासन में भी संघ पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश हुई थी, लेकिन वह नाकाम रही और आज संघ देश के सबतानियों के दिल में बसता है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री बी.एल. वर्मा ने कांग्रेस नेताओं के बयानों को "घटिया" करार देते हुए कहा कि सनातन धर्म और संघ के खिलाफ उनकी टिप्पणियां में उनकी हताशा दिखाती हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, और कहा कि राहुल गांधी "संघ फोबिया" से ग्रस्त बताया। वर्मा ने कहा, "राहुल गांधी देश और सेना का मनोबल गिराने वाले बयान देते हैं। उन्हें संघ की राष्ट्रभक्ति पर सवाल उठाने से पहले देश से प्रेम करना सीखना चाहिए।" उन्होंने कॉंग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि राहुल गांधी को अपने बयानों के लिए माफी मांगनी चाहिए, वरना कांग्रेस का "हश्र और भी बुरा होने वाला है ।"
बिहार चुनाव से पहले संविधान पर छिड़ी बहस पर भी भी केंद्रीय मंत्री बी एल वर्मा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान पर जिसमें उन्होंने जगा है कि “संविधान को कोई छेड़ेगा तो हम छोड़ेंगे नहीं," वर्मा ने पलटवार करते हुए कहा, "कांग्रेस को संविधान की दुहाई देना शोभा नहीं देता। आपातकाल में इंदिरा गांधी की सरकार ने संविधान की धज्जियां उड़ाई थीं।" उन्होंने 25 जून को आपातकाल की 50वीं बरसी का जिक्र करते हुए कहा कि आपातकाल दंश आज भी पूरा देश महसूस करता और और उस समय के जुल्म से रोंगटे खड़े हो जाते गई । कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।
बी एल वर्मा ने कांग्रेस के द्वारा संघ के ख़िलाफ़ लगातार दिए जा रहे बयान पर कहा कि देते हुए कांग्रेस कभी संघ को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। उन्होंने सुझाव दिया कि कांग्रेस को संघ से सीखना चाहिए और इसके लिए "उन्हें शाखा में जाना होगा।" वर्मा ने कहा, "देश की जनता कांग्रेस की सच्चाई जान चुकी है और समय-समय पर उसे करारा जवाब भी दे रही है ।"
यह सियासी घमासान एक बार फिर दर्शाता है कि संघ को लेकर राजनीतिक दलों के बीच तल्खी कम होने का नाम नहीं ले रही। जैसे-जैसे बिहार चुनाव नजदीक आ रहा है, यह मुद्दा और गरमाने की संभावना है।
