नागपुर: RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले - "75 की शॉल ओढ़ ली तो, अब विदाई होनी चाहिए"

RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले - 75 की शॉल ओढ़ ली तो, अब विदाई होनी चाहिए
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RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले - "75 की शॉल ओढ़ ली तो, अब विदाई होनी चाहिए"

RSS chief Mohan Bhagwat : नई दिल्ली। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि, 75 की उम्र होने के बाद दूसरों को भी अवसर देना चाहिए। वे रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उनका यह बयान अब सोशल मीडिया पर वायरल है। विपक्ष द्वारा मोहन भागवत के बयान का उपयोग सरकार पर निशाना साधने के लिए किया जा रहा है।

74 वर्षीय मोहन भागवत ने कहा, 'मोरोपंत पिंगले ने कहा था कि जब 75 वर्ष की शॉल ओढ़ाई जाती है तो अर्थ होता है कि हमारी उम्र हो चुकी है, अब थोड़ा किनारे हो जाना चाहिए।' भागवत ने कहा, 'संघ में प्रसिद्धि से दूर रहते हुए काम कर 75 वर्ष की उम्र के बाद सेवानिवृत्त होने का आदर्श मोरोपंत पिंगले ने पेश किया था। जैसे हनुमान 'राम काज करिबे को आतुर' थे, वैसे ही मोरोपंत 'संघ कार्य करिबे को तत्पर' थे। यह समर्पण से आता है। राम जन्मभूमि आंदोलन में भी मोरोपंत ने अशोक सिंघल को आगे रखा, खुद आगे नहीं आए।'

अब विपक्ष मोहन भागवत के इस बयान को प्रधानमंत्री मोदी से जोड़कर देख रहा है। जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि, "बेचारे अवार्ड-जीवी प्रधानमंत्री! कैसी घर वापसी है ये- लौटते ही सरसंघचालक के द्वारा याद दिला दिया गया कि 17 सितंबर 2025 को वे 75 साल के हो जाएंगे लेकिन प्रधानमंत्री सरसंघचालक से भी कह सकते हैं कि -वे भी तो 11 सितंबर 2025 को 75 के हो जाएंगे। एक तीर, दो निशाने।"

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "यह एक स्पष्ट संदेश है और यह स्पष्ट रूप से उस व्यक्ति के लिए है जो सितंबर में अपना 75वां जन्मदिन मनाने जा रहा है। आरएसएस और भाजपा के बीच जो कुछ भी चल रहा है, वह उनके बयानों से साफ पता चलता है। जब भाजपा ने 2014 में सरकार बनाई, तो उन्होंने 75 साल से अधिक उम्र के अपने नेताओं को 'मार्गदर्शक मंडली' में रखा। अब, आरएसएस 11 साल बाद भाजपा को उसके किए वादों की याद दिला रहा है। आंतरिक कलह अब सार्वजनिक हो गई है। कोई नहीं जानता कि इस कलह का क्या नतीजा निकलेगा।"

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