उत्तराखंड: वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खुले केदारनाथ के कपाट, दर्शन करने पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी

वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खुले केदारनाथ के कपाट, दर्शन करने पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी
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उत्तराखंड में स्थित देश के सबसे पवित्र स्थानों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। आज यानी शुक्रवार सुबह 7 बजे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। वैदिक मंत्रोच्चार और ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच बाबा केदार के जयकारों के साथ कपाट खुले गए। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे।

27 अप्रैल से शुरू हुई प्रक्रिया

केदारनाथ धाम के कपाट हर साल शीतकाल में भारी बर्फबारी के कारण बंद कर दिए जाते हैं और ग्रीष्म ऋतु में पुनः खोले जाते हैं। इस वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर 2 मई 2025 को कपाट खुलने की तारीख घोषित की गई थी। कपाट खुलने से पहले 27 अप्रैल को ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में भैरव पूजा के साथ प्रक्रिया शुरू हुई। बाबा केदार की पंचमुखी डोली 28 अप्रैल को गुप्तकाशी, 29 को फाटा, 30 को गौरीकुंड और 1 मई को केदारनाथ पहुंची।

108 क्विंटल फूलों से सजा धाम

मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया, जिसने धाम की सुंदरता को और बढ़ा दिया। कपाट खुलने के साथ ही हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई, जिसने श्रद्धालुओं का उत्साह दोगुना कर दिया। पहले दिन ही लाखों भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है, जैसा कि पिछले साल देखा गया, जब भीड़ के कारण कई श्रद्धालुओं को दर्शन के बिना लौटना पड़ा था।

सुरक्षा के कंडे इंतजाम

उत्तराखंड सरकार ने यात्रा को सुगम बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक हर दो-तीन किलोमीटर पर सेक्टर मजिस्ट्रेट, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस तैनात हैं। टोकन सिस्टम लागू किया गया है ताकि भक्तों को लंबी कतारों से बचाया जा सके।

इस बार सुरक्षा कारणों से फोन पर रहेगी पाबंदी

इस बार सुरक्षा के कारण केदारनाथ जाने वाले भक्तों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की गई है, जिसके अनुसार मंदिर परिसर के 30 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल वर्जित है। अगर कोई भक्त इस क्षेत्र फोन चलाते, रील या फोटो बीडियो शूट करते पकड़ा जाता है, तो उसका फोन जब्त हो जाएगा। साथ ही उसे पाँच हजार रुपए जुर्माना देना होगा।

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