Parliament Monsoon Session: ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष से भिड़े गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस को लगाई फटकार

ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष से भिड़े गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस को लगाई फटकार
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संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सोमवार को एक बार फिर गरमागरम माहौल देखने को मिला। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की कूटनीतिक जीत और पाकिस्तान की बौखलाहट पर सदन को विस्तार से जानकारी दी, तो विपक्षी हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह का गुस्सा फूट पड़ा।

जयशंकर के वक्तव्य के दौरान बार-बार टोकाटाकी कर रहे विपक्षी सांसदों पर अमित शाह ने सीधा हमला बोला और कहा

"भारत का विदेश मंत्री बोल रहा है और इन्हें उस पर भरोसा नहीं है, इनको किसी और देश पर भरोसा है! इसलिए ये वहीं बैठे हैं और अगले 20 साल तक वहीं बैठने वाले हैं!"

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इन बिंदूओ पर की चर्चा

- 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक सैन्य कार्रवाई की।

- 9 मई की सुबह अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी को कॉल कर पाकिस्तान के संभावित बड़े हमले की जानकारी दी।

- PM मोदी ने साफ कहा: "भारत हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा, मध्यस्थता नहीं स्वीकार करेंगे।"

- भारत ने दो टूक कहा कि अगर पाकिस्तान युद्ध रोकना चाहता है, तो वह खुद हमारे DGMO से संपर्क करे।

"भारत की डिप्लोमेसी की जीत" - विदेश मंत्री एस. जयशंकर

विदेश मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत स्थिति को लेकर भी कई बड़ी बातें कहीं:

- क्वाड देश (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की।

- अमेरिका से तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण हुआ, जो 26/11 के हमलों का आरोपी है।

- भारत की मांग पर टीआरएफ जैसे आतंकी संगठन पर बैन लगाया गया।

- पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पूरी तरह से बेनकाब हुआ।

अमित शाह का विपक्ष पर सीधा प्रहार:

जब जयशंकर पाकिस्तान की कूटनीतिक हार पर बोल रहे थे, तभी विपक्षी सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के कथित संपर्क पर सवाल उठाया। इस पर भड़कते हुए अमित शाह ने कहा:

सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "जब उनके अध्यक्ष बोल रहे थे, तो हम उन्हें धैर्यपूर्वक सुन रहे थे। मैं आपको कल बताऊंगा कि उन्होंने कितने झूठ बोले हैं। अब वे सच नहीं सुन पा रहे हैं... जब इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा हो रही हो, और विदेश मंत्री बोल रहे हों, तो क्या यह अच्छा लगता है कि विपक्ष उन्हें परेशान कर रहा है? अध्यक्ष जी, आप उन्हें समझाइए, वरना हम भी बाद में अपने सदस्यों को कुछ नहीं समझा पाएंगे..."



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