मुंबई हमले के समय कहां थे: भाषा विवाद के बीच एंटी टेरर ऑपरेशन लीड करने वाले पूर्व कमांडो का राज ठाकरे से तीखा सवाल

Marathi Language Controversy : मराठी भाषा बोलने को लेकर राज ठाकरे के समर्थकों द्वारा जिस तरह का माहौल मुंबई में बनाया गया है उससे पूरा देश चिंतित है। सरकार द्वारा सख्त एक्शन की बात कही गई है लेकिन इस विवाद ने हिंदी पट्टी के राज्यों से आने वाले लोगों को आहत किया है। इस पूरे विवाद के बीच मुंबई 26/11 हमले के बाद एंटी टेरर ऑपरेशन लीड करने वाले पूर्व कमांडो का बयान चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने राज ठाकरे से सवाल किया है कि, 'मुंबई 26/11 हमले के समय आप कहां थे?'
मुंबई के ताज होटल पर 26/11 के हमले के बाद आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान टीम का नेतृत्व करने वाले पूर्व मरीन कमांडो प्रवीण कुमार तेवतिया ने कहा, "जब 26/11 का आतंकवादी हमला हुआ, तो उनके (MNS) तथाकथित योद्धा छिप गए और कहीं नहीं मिले। वे (राज ठाकरे) खुद, उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के साथ, भी नहीं मिले... दूसरों को बचाने वाले लोग, जैसे कि सेना के जवान, मुख्य रूप से यूपी और बिहार से हैं... मैं वहां था, स्थिति को संभाला और आतंकवादियों का सामना किया। मैं भी यूपी से हूं और चौधरी चरण सिंह के गांव से आता हूं। इसलिए, हमें राजनीति मत सिखाइए। राजनीति को भाषा से अलग रखें। हमें मराठी पर गर्व है लेकिन लोगों को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। अगर आपको राजनीति करनी है, तो विकास कार्यों और नौकरियों पर ध्यान दें। राज ठाकरे और मनसे ने अभी तक कोई विकास कार्य नहीं किया है।"
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बीते दिनों बयान जारी करते हुए कहा था कि, "मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि, मराठी भाषा का अभिमान रखना गलत नहीं है लेकिन भाषा के नाम पर गुंडागर्दी और मारपीट को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
कुछ समय से एमएनएस के कार्यकर्ता उन लोगों के साथ मारपीट कर रहे हैं जो मराठी नहीं बोल पाते। इस तरह के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल थे जहां एमएनएस के कार्यकर्ता यह कहते हुए नजर आ रहे थे कि, मुंबई में रहना है तो मराठी में बात करनी होगी।