Bharat Bandh: भारत बंद का बिहार और बंगाल में दिखने लगा असर, जानिए बाकी राज्यों में क्या है स्थिति?

Bharat Bandh : 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियंस ने मिलकर देशभर में 9 जुलाई को ‘भारत बंद’ का एलान किया गया है। जिसका असर बिहार और पश्चिम बंगाल सहित देश भर में दिखने लगा है। केंद्र सरकार की नीतियों के ख़िलाफ बुलाई गई इस देशव्यापी हड़ताल में करीब 25 करोड़ किसान, मजदूर और कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना है। भारत बंद में बैंकिंग, डाक सेवा, खनन, निर्माण और परिवहन जैसे सरकारी क्षेत्रों में काम करने वाले लोग शामिल होंगे।
बिहार में दिखा भारत बंद का असर
बिहार के कई शहरों में भारत बंद का असर दिख रहा है। राजद की छात्र शाखा के सदस्यों ने 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगियों के संयुक्त मंच द्वारा आहूत 'भारत बंद' का समर्थन करते हुए जहानाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचकर प्रदर्शन किया। यहां मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ गठबंधन प्रदर्शन कर रहा है, जिसमें लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे।
पश्चिम बंगाल के कई शहरों में बंद का दिख रहा असर
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत कई शहरों में 9 जुलाई की सुबह से ही भारत बंद का असर दिख रहा है। वामपंथी दलों के यूनियन ने जादवपुर में पैदल मार्च निकालकर 'भारत बंद' में भाग लिया। वहीं, 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगियों के संयुक्त मंच द्वारा आहूत 'भारत बंद' का सिलीगुड़ी में असर दिखा। सरकारी बसों का परिचालन भी प्रभावित हुआ है।
इन मांगों को लेकर श्रमिक कर रहे हैं हड़ताल
- श्रम नीतियां जो श्रमिकों की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाती हैं।
- सामूहिक सौदेबाजी और हड़ताल जैसे अधिकारों को कम करने वाले चार नए श्रम कोडों पर जोर।
- बेरोजगारी और महंगाई में वृद्धि।
- युवाओं को नौकरी देने के बजाय सरकार सेवानिवृत्त लोगों की भर्ती कर रही है।
- 10 वर्षों में कोई श्रम सम्मेलन नहीं।
- प्रवासी श्रमिकों को उनके अधिकारों से वंचित करना।
- सार्वजनिक सुरक्षा विधेयकों का उपयोग करके विरोध प्रदर्शनों पर नकेल कसना।
भारत बंद में कौन भाग ले रहा है?
औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों के श्रमिक हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। भाग लेने वाले संगठनों में ये हैं शामिल -
- ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
- भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
- सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU)।
- हिंद मजदूर सभा (HMS)।
- स्वरोजगार महिला संघ (SEWA)।
- श्रम प्रगतिशील संघ (LPF)।
- संयुक्त ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC)।
