Thailand-Cambodia सीमा विवाद: थाई वायुसेना ने किए हवाई हमले, कंबोडिया की सैन्य चौकियां तबाह

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद
Thailand-Cambodia border dispute: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच दशकों पुराना सीमा विवाद गुरुवार को खुली जंग में तब्दील हो गया, जब रॉयल थाई वायुसेना ने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। थाई सेना के अनुसार, छह एफ-16 लड़ाकू विमानों में से एक ने कंबोडिया में दो सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें एक ब्रिगेड मुख्यालय भी शामिल था। इन हमलों में कंबोडिया के सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा।
विवाद की शुरुआत
यह ताजा संघर्ष थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर स्थित ता मुएन थॉम मंदिर के आसपास के विवादित क्षेत्र में शुरू हुआ। दोनों देश एक-दूसरे पर पहले गोलीबारी शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं। थाई सेना का दावा है कि गुरुवार सुबह 7:35 बजे कंबोडिया ने एक ड्रोन तैनात किया और उसके बाद भारी हथियारों, जैसे बीएम-21 रॉकेट लॉन्चर और तोपखाने, से थाई सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों पर हमला किया।
दूसरी ओर, कंबोडिया का कहना है कि थाई सैनिकों ने सुबह 6:30 बजे ता मुएन थॉम मंदिर के पास कांटेदार तार लगाकर समझौते का उल्लंघन किया और 8:46 बजे कंबोडियाई सैनिकों पर हमला शुरू किया।
हताहत और नुकसान
थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कंबोडिया की ओर से की गई गोलीबारी में कम से कम 11 नागरिक, जिनमें एक 8 साल का बच्चा शामिल है, और एक सैनिक मारे गए। इसके अलावा, 24 नागरिक और सात सैन्यकर्मी घायल हुए।
सिसाकेट प्रांत के कंथारालक जिले में एक पेट्रोल स्टेशन पर रॉकेट हमले में छह नागरिकों की मौत हुई, जबकि सुरिन और उबोन रत्चाथानी प्रांतों में अन्य हताहत हुए। कंबोडिया की ओर से अभी तक हताहतों की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि थाईलैंड के एफ-16 विमानों ने एक सड़क पर दो बम गिराए, जिसे वह "नागरिक क्षेत्र" में हमला मानता है। कंबोडिया ने इन हमलों को "अनुचित और क्रूर सैन्य आक्रमण" करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की।
सीमा बंद और राजनयिक तनाव
थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ अपनी 817 किलोमीटर लंबी सीमा को पूरी तरह बंद कर दिया है, जिससे सात प्रांतों में सभी 17 आधिकारिक सीमा चौकियां प्रभावित हुई हैं। दोनों देशों ने अपने-अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है, जिससे राजनयिक संबंध अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गए हैं। कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से "थाईलैंड की आक्रमकता" को रोकने के लिए तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है।
क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
आसियान के वर्तमान अध्यक्ष मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने दोनों देशों के नेताओं से बात करने और शांति स्थापित करने की बात कही है। चीन, जो कंबोडिया का करीबी सहयोगी है, ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने का आग्रह किया है। अमेरिका, जो थाईलैंड का गैर-नाटो सहयोगी है, ने अपने नागरिकों को सीमा क्षेत्रों में सतर्क रहने की सलाह दी है।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद 1907 में फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन के दौरान बनाए गए नक्शे से शुरू हुआ। 2008 में प्रीह विहार मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में पंजीकृत करने के कंबोडिया के प्रयास के बाद यह विवाद और गहरा गया। मई 2025 में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद तनाव बढ़ गया, और हाल ही में थाई सैनिकों के बारूदी सुरंगों में घायल होने की घटनाओं ने स्थिति को और विस्फोटक बना दिया।
आगे की राह
विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों में राष्ट्रवादी भावनाओं और कमजोर नेतृत्व के कारण तनाव कम होने में समय लग सकता है। थाईलैंड की कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने कहा है कि कोई युद्ध की घोषणा नहीं हुई है और संघर्ष को अन्य प्रांतों में फैलने से रोकने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, दोनों देशों की सैन्य तैयारियां और कूटनीतिक तल्खी से स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है।
