Tech News: क्यों फोन खरीदने के दौरान Touch Sampling Rate देखना होता है जरूरी, जान लीजिए इसके फायदे

Touch Sampling Rate: स्मार्टफोन यूजर्स के लिए समय-समय पर टेक की अपडेट सामने आती रहती है। फोन खरीदने के दौरान अक्सर कई बातों का ध्यान रखना भी जरूरी होता है नहीं तो ज्यादा कीमत में हम शायद ही खराब मॉडल खरीद लेते हैं जो सही नहीं होता है। फोन खरीदने के दौरान आपने तो Touch Sampling Rate के बारे में तो सुना ही होगा। आखिर इसका फोन में होना क्यों जरूरी है और उससे क्या फायदे और नुकसान मिलते हैं चलिए जानते हैं...
जानिए क्या होता है टच सैंपलिंग रेट
मोबाइल फोन खरीदने के दौरान टच सैंपलिंग रेट देखना जरूरी होता है। यह हर्ट्ज में मापा जाता है और ये आपके स्मार्टफोन के डिस्प्ले में एक अहम भूमिका निभाता है।एक सेकेंड में फोन की स्क्रीन कितनी बार आप लोगों के टच इनपुट को रीड करती है? जितना ज्यादा सैंपलिंग रेट, उतनी ही जल्दी आपके टच को रीड कर आपको रिस्पॉन्स देगा। यहां पर टच सैंपलिंग रेट के रेंज की बात करें तो मार्केट में 180 हर्ट्ज से लेकर 1000 हर्ट्ज़ तक के टच सैंपलिंग रेट वाले फोन मिल जाएंगे।
जानिए इससे क्या मिलता हैं फायदा - नुकसान
अगर आप फोन खरीदने के दौरान टच सैंपलिंग रेट चेक करते है और सही रेंज में मिल जाए तो फोन की लंबी ड्यूरेबिलिटी बताता है। ज्यादा हर्ट्ज वाले टच सैंपलिंग रेट फोन का फायदा ये है कि फोन की डिस्प्ले तेजी से टच रिस्पॉन्स करेगी और जिस भी चीज को आप फोन में ओपन करने की कोशिश करेंगे वो चीज तेजी से ओपन हो जाएगी। यहां पर हाई और टच सैंपलिंग रेट मिलते है। कई बार हाई टच सैंपलिंग रेट के नुकसान भी होते है। यानी आपकी बैटरी की ज्यादा इस्तेमाल होती है।
