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7 टेक्नोलॉजिकल ट्रेंड्स जिन्होंने पिछले दशक में सभी को आकर्षित किया

7 टेक्नोलॉजिकल ट्रेंड्स जिन्होंने पिछले दशक में सभी को आकर्षित किया
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7 टेक्नोलॉजिकल ट्रेंड्स जिन्होंने पिछले दशक सबको आकर्षित किया

1 . फ्रंट-फेसिंग कैमरा और सेल्फी कल्चर

2013 में, 'सेल्फी' शब्द को ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में जोड़ा गया था। मोबाइल फोन से खुद की तस्वीरें (सेल्फी) लेने का चलन और उनको विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर साझा करना बीते दशक में दिनों - दिन बढ़ता गया।

2005-2011 के बीच नोकिया द्वारा लांच N- सीरीज़ के कुछ हैंडसेट्स में फ्रंट-फेसिंग कैमरा फीचर के साथ बेचा गया था, लेकिन यह प्री-ऐप इकोसिस्टम का हिस्सा थे। एक समय था जब अधिकांश ऑनलाइन सोशल इंटरैक्शन डेस्कटॉप पर होते थे, वर्तमान में अब ये टेक्नोलॉजी में बदलाव के साथ मोबाइल पर होने लगा है जैसे फेसबुक, ट्विटर के ऑप्टीमाइज़्ड एप आदि पर। बाद में, एप्पल, सैमसंग, सोनी और कई अन्य कंपनियों ने अपने फोन में यह फीचर देना शुरू किया।


2 . सन्देश क्रांति ( व्हाट्सप्प, हाईक, टेलीग्राम )

व्हाट्सएप एक सोशल नेटवर्क नहीं था लेकिन इसने हमारे बातचीत के तरीके को मौलिक रूप से बदल दिया। शुरुआत में 54 रूपए वार्षिक शुल्क लिया जाता था, कुछ समय बाद निशुल्क कर दिया गया। व्हाट्सएप मोबाइल के लगभग सभी संस्करणों पर चलता है और मोबाइल उपयोगकर्ताओं से शुल्क के बिना एसएमएस जैसा अनुभव प्रदान करता है । इसने अपने यूजर्स को प्राइवेसी फीचर्स के रूप में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन भी दिया। 2014 तक, जब व्हाट्सएप 1.6 बिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं तक पहुँच गया था, फेसबुक ने इसे खरीदा। हाल के दिनों में कंपनी जांच के दायरे में आ गई है क्योंकि इस प्लेटफॉर्म का कुछ लोग फेक न्यूज फैलाने में उपयोग करने लगे हैं इसके बाद व्हाट्सएप ने फेक न्यूज को रोकने हेतु कुछ प्रभावी कदम उठाये हैं।



3 . ऑनलाइन कम्युनिटी (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम)

2009 तक फेसबुक और ट्विटर को कंप्यूटर पर बड़े पैमाने पर एक्सेस किया जाता था। लेकिन 2012 आते आते टेक्नोलॉजी में हुए बदलाव ने सोशल मीडिया को स्मार्टफोन पर ट्रांसफर कर दिया, ताकि उपयोगकर्ता अधिक से अधिक समय ऑनलाइन बिता सकें। यह प्लेटफॉर्म्स अब अलग-अलग इंटरेस्ट बेस्ड न्यूज़फ़ीड दिखाते हैं जिससे उपयोगकर्ताओं की रूचि इन पर बढ़ाने लगी। यूजर के बढ़ते इंटरेस्ट को देखते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने 2017 में एक ट्वीट के लिए शब्द सीमा को 140 से 280 तक दोगुना कर दिया। अब शब्दों पर सीमा बढ़ने से 'sry', 'gr8', 'b4' पहले की तुलना में बहुत कम उपयोग किए जाने लगे।


4. ऑनलाइन शॉपिंग ( फ्लिपकार्ट ,अमेज़ॉन )

इस दशक ने उपभोगताओं को घर बैठ कर खरीदारी करने का एक नया अनुभव कराया। अब आपको अपनी पसंद की चीज़ लेने बाजार तक भी नहीं जाना पड़ता और देश के किसी भी सेलर से आप मनचाही वास्तु खरीद सकते हैं । इस सुविधा को देश में व्यापार करने की एक नई क्रान्ति के रूप में देखा जा रहा है । छोटी हो या बड़ी वस्तु अब हर मनचाहा सामान आपके मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से खरीदा जा सकता है।



5 . डिजिटल भुगतान (गूगल पे , पेटीएम )

गूगल पे और पेटीएम ने अपने एप के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को बैंक खातों और विक्रेताओं के बीच लेनदेन करने हेतु सुलभ भुगतान करने के लिए सुविधा दी है। गूगल पे, फोन पे और पेटीएम के बाजार में आने से पहले पे - पल की धाक थी और भारत देश में ऑनलाइन भुगतान के मामले में अग्रणी था। इस दौड़ में ऑनलाइन वॉलेट जैसे मोबिक्विक, अमेज़न पे और फ्री चार्ज जैसे कई अन्य वॉलेट भी हैं जो मार्केट सेगमेंट अनुसार विभिन्न ऑफर देकर अपने प्रतिद्वंदी को कड़ी टक्कर टक्कर दे रहे हैं। NPCI की एक रिपोर्ट के अनुसार UPI पेमेंट का उपयोग भी पिछले दिनों काफी बढ़ा है, दिसंबर माह में इसका आंकड़ा 02 लाख करोड़ तक पहुँच चुका है और नवम्बर माह की तुलना में इसमें 7.07% की ग्रोथ हुई है। इससे साफ है की लोग अब डिजिटल पेमेंट की तरफ बढ़ रहे हैं और इससे फायदा उपयोगकर्तों के साथ बैंकों को भी हो रहा है, बीते कुछ वर्षों में सरकारी और प्राईवेट बैंकों का कॅश हैंडलिंग के साथ ऑपरेटिंग कास्ट भी घटा है।



6 . भोजन वितरण सेवा (जोमेटो, स्विग्गी )

जोमेटो और स्विग्गी ने रेस्तरां की सेवाओं की घर तक डिलीवरी करने की सुविधा को ऑनलाइन एप के माध्यम से शुरू कर फूड चैन इकोसिस्टम में क्रान्ति ला दी है। जोमाटो, स्विग्गी ऐप उपयोगकर्ता रेटिंग के आधार पर रेस्तरां का चुनाव करके अपना मनपसंदीदा खाना घर बैठे मंगाकर अपनी इच्छा की पूर्ती कर सकते हैं। फूड एग्रीगेटर जैसे फूड पंडा और उबेर ईट्स जैसी कम्पनियां ऍप्लिकेशन्स के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने के लिए काम कर रहे हैं।



7 . ऑनलाइन स्ट्रीमिंग (नेटफ्लिक्स , अमेज़ॉन प्राइम )

ब्रॉडबैंड और मोबाइल इंटरनेट की पहुंच जन जन तक पहुँच चुकी हैं इससे वीडियो और संगीत स्ट्रीमिंग सेवाए सर्व सुलभ विभिन्न ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं। इन प्लेटफार्मों के माध्यम से ऑन-डिमांड वीडियो और संगीत को उपभोक्ताओं कभी भी देख सकता है। इस कारण अधिकांश फ़िल्में, वेब सीरिज या गाने उपयोगकर्ताओं के स्मार्टफ़ोन पर देखे और सुने जाने लगे हैं । इस सेगमेंट में अमेज़न प्राइम और नेटफ्लिक्स लगातार वीडियो स्ट्रीमिंग स्पेस में मार्केट शेयर हासिल करने के लिए आज भी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।




Updated : 7 Jan 2020 2:28 PM GMT
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Rishav Tomar

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